रायपुर। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण राज्य के स्कूली बच्चों को ऑनलाइन अध्ययन-अध्यापन की सुविधा के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुरू किए गए ”पढ़ई तुंहर दुआरÓÓ पोर्टल की गतिविधियों की मॉनिटरिंग स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम खुद कर रहे हैं। मंत्री डॉ. टेकाम अपने बंगले से ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न सिर्फ शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जा रहे विषयों और पाठों का अवलोकन कर रहे हैं, बल्कि इस पोर्टल से शिक्षा प्राप्त कर रहे स्कूली बच्चों से चर्चा कर उनकी समझ और समस्याओं का भी आंकलन व निदान कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम ने आज अपने रायपुर स्थित बंगले से अपरान्ह 3 बजे ऑनलाइन क्लास का अवलोकन किया।

विद्यार्थियों और शिक्षकों से चर्चा की और उनकी दिक्कतों का निदान करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा आज बिलासपुर जिले के शिक्षक नितेश सिंगरौल द्वारा कक्षा आठवीं में विज्ञान के पाठ आकाश दर्शन के अध्यापन का ऑनलाइन अवलोकन किया। इस दौरान ऑनलाइन क्लास से प्रदेश के विभिन्न जिलों से विद्यार्थी एवं शिक्षक जुड़े हुए थे। स्कूल शिक्षा मंत्री को अचानक अपनी ऑनलाइन कक्षा में देखकर सभी बहुत खुश हुए। डॉ. टेकाम ने ऑनलाइन अध्ययन-अध्यापन की शैली का जायजा लिया और कक्षा संपन्न होने के बाद आधे घंटे का अतिरिक्त समय लेकर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों से चर्चा की।

मंत्री टेकाम ने आकाश दर्शन पाठ अध्ययन के मद्देनजर विद्यार्थियों से कई रोचक सवाल भी पूछे, जिसमें एक सवाल यह भी था कि आजकल आसमान कैसा दिख रहा है। विद्यार्थियों ने आसमान साफ दिखाई देने की बात बताई। मंत्री डॉ. टेकाम ने आकाश दर्शन पाठ में उल्लेखित ध्रुव तारा एवं सप्तऋषि तारों को आज रात्रि में आसमान की ओर देखकर ढूंढने और पहचानने की बात कही। शिक्षकों ने इस कार्यक्रम को बहुत प्रभावी बताया और शुरुआती तकनीकी जानकारियों पर समझ बन जाने पर आगे इस माध्यम से अध्ययन-अध्यापन में सहूलियत होगी, यह उम्मीद जताई।

स्कूल शिक्षामंत्री ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शुभारंभ किए गए इस कार्यक्रम का लाभ अन्य राज्यों को लेने के संबंध में जारी पत्र की जानकारी देते हुए कार्यक्रम का लाभ सभी बच्चों को लेने के लिए आग्रह किया गया। डॉ. टेकाम ने यह भी आश्वासन दिया कि शीघ्र ही इस योजना के अंतर्गत ऐसी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे जिससे इन्टरनेट सुविधा नहीं होने के बावजूद बच्चे कक्षा को अपने साधारण मोबाइल में भी सुन सकेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here