• भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनते ही जिले में खुशी की लहर.
• पदुमनगर निवास पर बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था.
• भूपेश बघेल के गुरु (दिवंगत नेता वासुदेव चंद्राकर )की भविष्यवाणी आखिर आज सही साबित हो ही गई .

दुर्ग . अंतत: दुर्ग जिले ने ही दिया छत्तीसगढ़ को नया मुख्य मंत्री, छत्तीसगढ़ राज्य के काँग्रेसे के प्रथम नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री बघेल के नाम की घोषणा होते ही दुर्ग जिले में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. दिग्गज काँग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के बाद दुर्ग जिले से मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुँचने वाले भूपेश बघेल दूसरे नेता हैं.उनके पदुमनगर स्थित निवास पर लोगों ने मिठाई बाँटकर फटाखे फोड़कर बाजे-गाजे के साथ भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने की खुशी मनाई.सन् 1993 में विधानसभा चुनाव से राजनीतिक पारी शुरू करने वाले भूपेश बघेल ने 6 बार विधानसभा चुनाव लड़ा है ,जिसमें 2008 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। मुख्यमंत्री की घोषणा होते ही पदुमनगर स्थित भूपेश बघेल के निवास पर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी तथा आने जाने वाले वाहनों की तलाशी के पश्चात जाने दिया जा रहा है, पुलिस के अधिकारी पदुमनगर स्थित श्री बघेल के निवास पर सुरक्षा की दृष्टि से बेरिकेट्स भी लगा दिये गये हैं सर्वप्रथम उन्होंने गृह ग्राम कुरूदडीह बटंग पंचायत से सरपंच पद के लिए नामांकन भरा था लेकिन चुनाव स्थगित हो गया , बाद में सिरसा ब्लॉक युवा काँग्रेस के महामंत्री के रूप में उन्होंने काँग्रेस की राजनीति में सक्रियता के साथ सफर शुरू किया, भूपेश की राजनीति को नया आयाम तब मिला जब 1991 में अचानक उन्हें पार्टी ने अविभाजित दुर्ग जिला युवा काँग्रेस की कमान सौंप दी.
युवा तुर्क भूपेश बघेल के रूप में लगभग 32 साल के बाद दुर्ग जिले से प्रदेश को दूसरा मुख्यमंत्री मिला है वर्ष 1986 में दुर्ग जिले से मोतीलाल वोरा दुर्ग जिले से अविभाजित मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बने थे.
भूपेश के मुख्यमंत्री बनते ही उनके राजनीतिक गुरु दिवंगत वासुदेव चंद्राकर की भविष्यवाणी सच साबित हो गई। प्रदेश काँग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान होते ही दुर्ग जिले में जश्न का माहौल बन पड़ा है। खासकर उनके निर्वाचन क्षेत्र पाटन में जबरदस्त उत्साह के साथ ख़ुशी की लहर दौड़ गई है। उनके भिलाई 3 निवास पर जश्न मनाया जाने लगा है। भिलाई-चरोदा सहित दुर्ग जिले के समर्थक और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते बन रहा है। 1993 में उन्हें कांग्रेस ने पाटन विधानसभा से टिकट दिया। इस चुनाव में उन्होंने विधायक रहे भाजपा के कैलाश शर्मा को पराजित किया। वर्ष 1998 में वे निरुपमा चंद्राकर को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे।
इस बार उन्हें मुख्यमंत्री से संबद्ध जनशिकायत निवारण राज्यमंत्री बनाया गया। कुछ दिन बाद नक्सल वारदात में दिग्विजय सिंह सरकार के मंत्री लिखीराम कांवरे की हत्या के बाद उन्हें परिवहन राज्यमंत्री स्वतन्त्र प्रभार बनाया गया। वर्ष 2000 मे छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद जोगी सरकार में उन्हें राजस्व एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री बनाया गया। भूपेश बघेल वर्ष 2003 में लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए।
इस बार वे उपनेता प्रतिपक्ष चुने गए। वर्ष 2008 में पराजय के बाद 2013 में फिर से वे विधानसभा पहुंचे। इस बार उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया। दुर्ग जिले की राजनीति में चाणक्य माने जाने वाले दिवंगत नेता वासुदेव चंद्राकर ने भूपेश बघेल को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित करने के साथ ही उन्हें लगभग 18 साल पहले ही भविष्य का मुख्यमंत्री बताया था। गुरु की भविष्यवाणी आखिर आज सही साबित हो ही गई।
मर्रा पाटन ,कुरूदडीह, बेलौदी से लेकर पूरे प्रदेश में भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री का जश्न शुरू
रायपुर. कुरुदडीह , बेलौदी में जन्मे मर्रा में पढ़े लिखे पाटन के विधायक भूपेश बघेल को आखिरकार अपनी क्षमता का परिचय दिया,उनके संघर्षों को पूरे प्रदेश ने आज मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित घोषित करते हुए सम्मान दिया , प्रदेश के आम लोगों के मन में यह उत्साह भरा, कि आम किसान का बेटा, सामान्य परिस्थिति में पला बढा व्यक्ति, जो लोगो के सुखदुख से जुड़ा रहा , जिसने अपनी बोली अपनी माटी पर हमेशा गर्व किया.जिसने हमेशा छत्तीसगढ़ियों के लिए सड़क से जेल तक की लड़ाई लड़ी, ढेरों राजनैतिक अपमान सहे,लेकिन अपनी धुन का पक्का छत्तीसगढ़िया-भूपेश बघेल अब मुख्यमंत्री बन के अब बनाएगा सुघ्घर छत्तीसगढ़ .
पाटन के लाल तूने कर दिया कमाल – प्रदेश के नए मुखिया ने प्रदेशवासियों को अपना आभार व्यक्त किया और कर्मभूमि पाटन के लोगो को विधायक निर्वाचित करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि पाटन का विश्वास और प्यार है जिसने मुझे आज इस पद पर पहुँचाया. पाटन और छत्तीसगढ़ के विकास के लिए दृढ संकल्प से कार्य करूँगा.

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