रायपुर . पुलिस विभाग में नए फेरबदल के बाद वर्षों से डी जी पी पद पर कार्यरत ए एन उपाध्याय को राहत देने किसी अन्य की नियुक्ति की अटकलों के बीच गिरधारी नायक का नाम चर्चा में सुना जा रहा है . छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के द्वारा प्रशासनिक फेरबदल की शुरुआत पहले दिन से हो चुकी है , परिवर्तन की इस जद में सभी प्रमुख विभागों के अधिकारियो का आना लाज़मी है .15 वर्षों बाद सरकार बनाने वाली कांग्रेस के समक्ष अपने चुनावी वायदों को पूरा करने के लिए दबाव भी है क्योकि इस चुनावी वर्ष में वह कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहेगी , इस क्रम में में सारे जरुरी बदलाव करके मजबूत , तेज और प्रभावी प्रशासन देने की सरकार की पहल रहेगी .
अविभाजित मध्यप्रदेश के केएफ रूस्तमजी के बाद अब अमरनाथ उपाध्याय सबसे लंबे कार्यकाल वाले डीजीपी बन गए हैं। वे मार्च 2014 से छत्तीसगढ़ के डीजीपी हैं। उनसे पहले ओपी राठौर करीब तीन साल डीजीपी रहे। रूस्तमजी दूसरे पुलिस प्रमुख बने थे। उस समय पुलिस प्रमुख को इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस कहा जाता था। 31 जनवरी 2014 को डीजीपी रामनिवास का कार्यकाल खत्म होने के बाद उपाध्याय को प्रभारी डीजीपी बनाया गया था।
उस समय गिरधारी नायक और एमडब्ल्यू अंसारी दो सीनियर आईपीएस थे। मार्च 2014 में उपाध्याय ने डीजीपी की जिम्मेदारी संभाली। वे 1985 बैच के आईपीएस हैं और अगस्त 2019 में रिटायर होंगे। उपाध्याय के बाद सबसे सीनियर डीएम अवस्थी हैं। अवस्थी 1986 बैच के हैं। महानिदेशक स्तर के तीन अफसर संजय पिल्लै, आरके विज व मुकेश गुप्ता 88 बैच के आईपीएस हैं।