पूर्व सरकार द्वारा नियुक्ति निगम मंड़लों के इस्तीफा न देने वाले पदाधिकारी हटाये गए
रायपुर.एक महत्वपूर्ण आदेश में राज्य की भाजपा सरकार गिरने के बाद भी पूर्व सरकार द्वारा नियुक्ति निगम मंड़लों के इस्तीफा न देने वाले पदाधिकारियों पर नई सरकार ने गाज गिरा दी है. राज्य के मुख्य सचिव अजय सिंह ने गुरूवार को जारी आदेश में कहा है कि निगमों, मंडलों, प्राधिकरणों,समितियों, परिषदों एवं अन्य संस्थाओं में अध्यक्ष,उपाध्यक्ष, संचालक, सदस्यों के मनोनयन को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है. आदेश में कहा गया है कि संबंधित प्रशासकीय विभाग के भारसाधक सचिव को संबंधित संस्था का अध्यक्ष अथमा यथास्थिति अन्य पदनाम एवं दायित्व तत्काल प्रभाव से सौंपा जाता है.माना जाता है कि नई सरकार बनाने के बाद पुरानी सरकार के इस तरह नियुक्तियों से स्वतः ही त्यागपत्र दे दिया जाना चाहिए क्योंकि ये नियुक्तियां हर सरकार के विवेकाधीन की जाती हैं .
इस प्रकार छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग ने भाजपा शासन के समय नियुक्त ‘लालबत्ती’ विभाग जैसे आयोग – निगम – प्राधिकरण सहित तमाम लाभ के पदो में की गयी नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश देकर प्रशासनिक कसावट कि कवायद तेज कर दी है ।
प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी आयोगों, निगमों, मंडलों, प्राधिकरणों, समितियों, परिषदों और अन्य संस्थाओं में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, संचालक और सदस्यों के किए गए मनोनयन को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने आज शाम यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से इस आशय का आदेश जारी कर दिया।
संवैधानिक आयोगों को छोड़कर अन्य संस्थाओं पर लागू होगा यह आदेश
यह आदेश संवैधानिक आयोगों और विधि द्वारा स्थापित, जिनमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति अधिनियम के परिप्रेक्ष्य में चयन प्रक्रिया के अनुसार की गई है, उन्हें छोड़कर अन्य समस्त आयोगों, निगमों, मंडलों, प्राधिकरणों, समितियों, परिषदों और अन्य संस्थाओं पर लागू होगा. आदेश में संबंधित प्रशासकीय विभागों के भार साधक सचिवों को उनके विभागों से संबंधित संस्था के अध्यक्ष अथवा यथा स्थिति अन्य पदनाम का दायित्व तत्काल प्रभार से सौंपा जाये .