आगरा की दलित छात्रा ने आखिर दम तोड़ दिया, संजलि हम शर्मिंदा हैं

तुम्हे सुरक्षित घर नही पहुंचा पाए

दिल्ली, संजलि एक 15 वर्षीय लड़की जो आगरा के नौमालि गाँव स्थित स्अशर्फी देवी इंटर कॉलेज में दसवीं कक्षा में पढ़ती थी , मंगलवार 18 दिसम्बर को कॉलेज से घर आ रही थी। तभी बाइक पर आये हेलमेट पहने हुए दो लड़को ने कथित तौर पर उस पर पेट्रोल डाल कर आग लगा दी। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ वह ज़िन्दगी की लड़ाई हार गई।

उत्तरत्प्रदेश की इस क्रूर आपराधिक घटना को लेकर सोशल मीडिया में बहुत गुस्सा है लोग तरह तरह से अपने क्रोध को अभिव्यक्त कर रहे हैं, उत्तरप्रदेश की सरकार को खराब कानून व्यवस्था  और अपराधियों में कानून का जरा भी ख़ौफ़ न होने की चिंताजनक स्थिति को जाहिर कर रहे हैं. कुछ ऐसी तस्वीरें और वीडियो भी इस घटना का है जिसे दिखाना मुश्किल है।

एक फेसबुक पोस्ट देखिए

– क्या कभी सोंचा है हमने, आग की जलन,
वो वेदना , वो करुणा , वो सिहरन
एक मासूम लड़की की चित्कार
बचाओ – बचाओ की उसकी पुकार,

एक लड़की जिसे अभी
पढ़ना था , खेलना था , खिलना था
लोगों से हिलना मिलना था

इससे पहले की ज़िंदगी को समझ पाती
दो वहशी दरिंदों ने उसकी जीवन लीला समाप्त कर दी

संजलि हम शर्मिंदा हैं
हम तुम्हे सुरक्षित घर नही पहुंचा सकें।

क्या करे हमे अभी गायो को बचाना है , उसके बाद इंसान का नंबर आएगा। वैसे भी तुम तो लड़की हो ।अभी गौहत्या करने वालों को पकड़ना है । तुम्ही सोचो जब 18 दिनों में हम अपने पुलिस इंस्पेक्टर के हत्यारों को नही पकड़ पाए तो 2 दिनों में ही तुम्हारे गुनहगारों को कैसे पकड़ सकते हैं ?

संजलि हम शर्मिंदा हैं
तुम्हे सुरक्षित घर नही पहुंचा पाए

अभी कई शहरों के नाम बदलने हैं। वीआईपी की सुरक्षा को और भी चाक – चौबन्द करना है क्यों की कई वीआईपी जनता से पिटने लगे हैं

क्या करें अभी हमारे एजेंडे में तुम्हारी सुरक्षा नही आती है ?

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