10 एजेंसियों को मिला जासूसी का अधिकार
सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज को देख सकता है
नई दिल्ली. केन्द्र सरकार ने देश में किसी भी कंप्यूटर में डाटा जांच हेतु 10 केंद्रीय एजेंसियो को अधिकृत कर दिया है.अब देश के हर कम्प्यूटर पर सरकार की नजर रहेगी.केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को 10 केन्द्रीय एजेंसियों को नियुक्त कर किसी भी कंप्यूटर में सेंधमारी कर जासूसी करने की इजाजत दे दी है. गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार देश की ये सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज को देख सकता है.
गृह मंत्रालय के साइबर सुरक्षा एवं सूचना विभाग ने इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी ऐक्ट के सेक्शन 69 (1) के तहत एजेंसियों को यह अधिकारी दिया है.यही नहीं मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आदेश में उन 10 एजेंसियों की सूची भी जारी की गई है, जो आपके कंप्यूटर की कभी भी जांच कर सकेंगी.मंत्रालय के आदेश के अनुसार इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स, डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, सीबीआई, एनआईए, कैबिनेट सेक्रेटेरिएट (रॉ), डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस और दिल्ली के कमिश्नर ऑफ पुलिस को देश में चलने वाले सभी कंप्यूटर की जासूसी की मंजूरी दी गई है.केन्द्र सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार ने महज एक सामान्य से सरकारी आदेश के जरिए देश में सभी कंप्यूटर की जासूसी का आदेश दे दिया है. ओवैसी ने कहा कि क्या केन्द्र सरकार इस फैसले से घर-घर मोदी’ का अपना वादा निभा रही है. इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि 1984 में आपका स्वागत है.

 

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