भिलाईनगर। फाइनेंस की एक ट्रक को सीज कर फर्जी कागजात बनाकर बेचने का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर आरोपी मैनेजर को गिरफ्तार लिया है वहीं उसके सहयोगी दलाल फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। मामला जामुल थाना अंतर्गत का है। प्रार्थी विनोद कुमार गेडाम ने मार्च 2016 में एक ट्रक ट्रेलर खरीदा था जिसके लिए उसने इंडिया इंफोलाइन फाइनेंस लिमिटेड से 21 लाख फाइनेंस कराया था। गाड़ी खरीदने के बाद विनोद कुमार उस ट्रेलर में अतिरिक्त 10 लाख लागत लगाकर ट्रेलर में डाला भी लगाया था। शुरुआती 3 माह तक प्रार्थी कि़स्त पटाता रहा है लेकिन आर्थिक मजबूरी की वजह से वो आगे किश्त पटाने में असर्मथ रहा। लिहाजा कंपनी ने उसे नोटिस जारी किया।

अक्टूबर 2017 में कम्पनी के छत्तीसगढ़ मैनेजर शैलेश दुबे निवासी भिलाई 3 ने गाड़ी को सीज कर रायपुर के हाईटेक पार्किंग गोदाम में रखवा दिया। शैलेश ट्रेलर के साथ 10 लाख का डाला भी ले गया था जिसे सेटलमेंट के बाद वापस करने का वादा भी किया। कुछ समय बाद मैनेजर शैलेश दुबे ने एक दलाल के साथ मिलकर उक्त वाहन को डाले सहित किसी अन्य ब्यक्ति को बेच दिया। बाद में मालूम हुआ कि शैलेश दुबे ने कंपनी की ओर से फर्जी एनओसी और कागजात तैयार कर दलाल रितेश बग्गा उर्फ सोनू की मदद से 17 लाख में एक टाटीबंध के एक ट्रांसपोर्टर को बेच दिया है। इस बेचे गए रकम को ना ही उसने कम्पनी में जमा किया और ना ही प्रार्थी को दिया । यानी उसने कंपनी को भी धोखा दिया और विनोद गेदाम को भी।

इधर कंपनी की ओर से लगातार विनोद गेडाम को नोटिस आता रहा और वसूली का दबाव बनाया जाता रहा। कंपनी से नोटिस मिलने के बाद प्रार्थी शैलेश दुबे से संपर्क किया तो उसने ट्रेलर की कीमत और डाला को वापस करने का आश्वाशन दिया जिसको लेकर तीनो के बीच इकरार नामा हुआ। महीनों बीतने के बाद भी जब आरोपियों द्वारा रकम नही दिया गया तो फिर से संपर्क किया लेकिन इस बार आरोपियों ने उसे जबरन फंसा देने की धमकी दी। इधर विनोद गेडाम ने कंपनी के अधिकारियों को मैनेजर शैलेश दुबे द्वारा गाड़ी सीज करने और सेटलमेंट किये जाने की जानकारी दी तो कंपनी ने इस तरह की किसी भी कार्यवाही और एनओसी जारी नही किये जाने की बात कह दी।। आरोपियों द्वारा ठगे जाने का अहसास होने पर विनोद गेडाम ने दुर्ग उच्च अधिकारियों से इस मामले की लिखित शिकायत की।

पुलिस अधीक्षक दुर्ग ने शिकायत की कॉपी जामुल थाने को भेज दी और मामले की जाँंच कर कार्यवाही करने का निर्देश दिया। इस मामले में एक साल तक कोई कार्यवाही नही की गई। मीडिया का दबाव पडऩे पर जाँंच अधिकारी ने आरोपियों और प्रार्थी के बीच 5 लाख में समझौता कराने का भी प्रयास किया लेकिन मामला नही बना। प्रार्थी के द्वारा जब मामले की शिकायत डीजीपी स किये जाने की बात कही गयी तब कहीं जाकर एक साल बाद आरोपी मैनेजर शैलेश दुबे और दलाल रितेश बग्गा के खिलाफ 3 मई को अपराध दर्ज किया गया। जामुल पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ गैर- जमानती धारा 420, 409(34) आईपीसी के तहत मामला दर्ज लिया है। साथ ही आरोपी मैनेजर शैलेश दुबे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और दलाल रितेश उर्फ सोनू बग्गा फरार है जिसकी तलाश की का रही है। जामुल थाना पुलिस को फरार आरोपी की चंडीगड़ में होने की जानकारी मिली है।

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