वरिष्ठ पत्रकार बीजी वर्गिस और गीतकार जावेद अख्तर ने याचिका दायर की थी.
उन्होंने कहा है कि 22 मुठभेड़ों से संबंधित इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी

नई दिल्ली: देश का ऐतिहासिक विरासत वाला राज्य गुजरात जहाँ 200 2 के समय से पहचान और जिक्र ही विवादों के कारण है . साल 2002 से 2006 के बीच गुजरात में हुए २२ इन्कौन्टर को फर्जी बताने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने गुजरात सरकार के विरोध के बावजूद जस्टिस एचएस बेदी पैनल की जांच रिपोर्ट याचिकाकर्ता जावेद अख्तर और बीजी वर्गीस को देने के निर्देश दिए हैं.
गुजरात सरकार की इस दलील को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया कि रिपोर्ट की गोपनीयता को बनाये रखना चाहिए क्योंकि याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण इसे मुद्दा बना देंगे. हालांकि चीफ जस्टिस ने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है. पहले याचिकाकर्ता और गुजरात सरकार चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट पर अपनी आपत्ति दर्ज कराए, इसके बाद कोर्ट तय करेगा कि रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या नहीं.
नरेंद्र मोदी के सीएम रहने के दौरान गुजरात के कथित 22 फर्जी मुठभेड़ मामलों की याचिका की सुनवाई के लिए 11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया था. कोर्ट ने गुजरात सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय की ओर से नियुक्त निगरानी समिति की अंतिम रिपोर्ट का एक सप्ताह के भीतर जवाब दे.
बता दें कि इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार बीजी वर्गिस और गीतकार जावेद अख्तर ने याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा है कि 22 मुठभेड़ों से संबंधित इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जानी चाहिए. इसके बाद अब अदालत ने याचिका की सुनवाई के लिए हामी भरते हुए गुजरात सरकार को जवाब देने के लिए कहा है.
तीन एजेंसियों के जांच करने पर भी खामियां

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