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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के पास अतिरिक्त बच रहा आठ लाख मीट्रिक टन चावल केंद्र सरकार लेने को राजी हो गई है। यानी अब केंद्रीय पूल में छत्तीसगढ़ 32 लाख मीट्रिक टन चावल देगा। इससे राज्य सरकार का 1500 करोड़ रुपया बचेगा। कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से आर्थिक संकट के दौर में राज्य सरकार के लिए यह बड़ी राहत है। राज्य सरकार इसके लिए लगातार कोशिश कर रही थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसके लिए कई बार खाद्य मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्र लिख चुके हैं।

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि शुक्रवार को केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवाल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा हुई। इस दौरान भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ से 24 लाख मीट्रिक टन चावल सेंट्रल पूल में लेने की अनुमति मिली है। उन्होंने इसे बढ़कार 32 लाख मीट्रिक टन करने का अनुरोध किया। इस पर पासवान ने सेंट्रल पूल में चावल आठ लाख मीट्रिक टन बढ़ाने पर सकारात्मक जवाब दिया हैं। एफसीआइ ने भी अतिरिक्त चावल लेने पर सहमति जताई है।

ऐसे बचेगा राज्य का 1500 करोड़

राज्य में 2019-20 में 18.34 लाख किसानों से समर्थन मूल्य पर कुल 83.67 लाख टन धान की खरीद हुई है। इससे करीब 56.51 लाख मीट्रिक टन चावल तैयार होगा। केंद्र सरकार ने इसमें से 24 लाख मीट्रिक टन केंद्रीय पूल में लेने की सहमति दी थी। इसके साथ ही राज्य की पीडीएस की आवश्यकता की जरत के लिए 25.40 लाख मीट्रिक टन चावल रखने की भी केंद्र सरकार ने अनुमति दी है। इसमें सेंट्रल पूल का 15.48 व स्टेट पूल 9.92 लाख मीट्रिक टन शामिल है। इसके बाद करीब 7.11 लाख मीट्रिक टन चावल बच रहा था। जिसकी कीमत करीब 1500 करोड़ है। केंद्र सरकार यदि यह चावल ना ले तो यह पूरी राशि राज्य को अपने बजट से देनी पड़ती।

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