राहुल गांधी के दौरे से कांग्रेस की लोकसभा चुनाव तैयारियों की शुरुआत हुई
रायपुर . किसानों की आभार रैली में शिरकत करने पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज गरीबों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी मनरेगा की तरह अब न्यूनतम आमदनी गारंटी योजना लागू करेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में यह योजना तुरंत शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि न्यूनतम आमदनी गारंटी देने वाली कांग्रेस दुनिया का पहली सरकार होगी.
छत्तीसगढ़ के अपने दौरे से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक तरह से नई सरकार को लोकसभा चुनाव के होम वर्क दे कर जा रहे हैं ; साथ ही छत्तीसगढ़ की टीम को एकजुटता का पाठ भी पढ़ा रहे हैं कि विधानसभा में किसानों के एकतरफा सपोर्ट से जो जीत मिली है उसे दिल्ली की सरकार बनाने में पूरी ऊर्जा से उपयोग हुआ तब ही कोई मतलब है . उनका फोकस अब भी गरीब किसान मजदूर हैं जिन्हें मौजूदा केंद्र सरकार के कार्पोरेट परस्त नीतियों से जो हानि हुई है उसमे मरहम लगाने की योजनायें लाने की बात राहुल गांधी कर रहे हैं .
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राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि वे दो तरह का हिन्दुस्तान बनाना चाहते हैं. एक उद्योगपतियों का, दूसरा गरीबों का.
हिन्दुस्तान के चौकीदार के पास छत्तीसगढ़ के किसानों का कर्जा माफ करने के लिए पैसा नहीं है. मगर अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए पैसा है. बीजेपी के नेता जो 15 साल में नहीं कर पाए, उसे कांग्रेस सरकार ने एक दिन में कर दिखाया.
बीजेपी दो हिन्दुस्तान बनाना चाहती है. एक नीरव मोदी का, अनिल अंबानी का
उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने मिलकर चुनाव लड़ा और पार्टी को कामयाबी मिली. जब भी किसानों का कर्जा माफ करने की बात करते थे, सरकार से पूछते थे तो जवाब मिलता था, हमारे पास पैसा नहीं है. सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार कहती थी कि हमारे पास पैसा नहीं हैं. दिल्ली में मोदी जी भी कहते हैं, किसानों का कर्जा माफ करने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है. लेकिन, उद्योगपतियों का साढ़े तीन लाख रुपए कर्जा माफ करने के लिए सरकार के पास पैसा है.
राहुल ने कहा- यहां काफी सालों से यहां पे बीजेपी के सरकार थी. जब भी हम सरकार से पूछते थे कि किसानों का कर्जा माफ होना चाहिए, किसानों को बीमा मिलना चाहिए. तो ये कहते थे कि हमारे पास पैसा नहीं है. किसानों के कर्ज माफ करने के लिए आपके पास पैसा नहीं है पर देश के सबसे बडे उद्योगपति के साढ़े तीन लाख करोड़ माफ करने के लिए आपके पास पैसा है.हिंदुस्तान के चौकीदार के पास छत्तीसगढ के किसानों के लिए छ हजार करोड़ नही है पर रिलायंस के लिए अंबानी के लिए पैसा है.कर्नाटक के युवाओं से कॉन्ट्रेक्ट छीना गया. जो दुनिया का सबसे बड़ा डिफेंस कॉन्ट्रेक्ट है.उसे बाहर के लोगों को दिया गया.अगर हिंदुस्तान में बनता तो लाखों लोगों को रोजगार मिलता. अनिल अंबानी को रोजगार देने ये फ्रांस जाते है.
पूरा का पूरा फायदा अनिल अंबानी जैसे कंपनी को जाता है. अनिल अंबानी हमारे यहां का पैसा खाता है और प्राइवेट हेलीकॉप्टर में उड़ता है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने अभिवादन में कहा छत्तीसगढ़ की इस पावन धरा में राहुल जी का स्वागत है.आप लोगो को याद हो तो राहुल जी ने कहा था यदि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनेगी तो किसानों के कर्ज माफ कर दिये जाएंगे. और आज वैसा ही हुआ एक महीना हो गया है एनआई को चिट्ठी लिखे की एनआईए की रिपोर्ट वापस करो पर अब तक उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है, केंद्र में हमारे यहां के चावल को नहीं खरीदा जा रहा हैं क्योंकि यहां पर कांग्रेस की सरकार है इसलिए केंद्र में राहुल गांधी जी की जरूरत है.
माना विवेकानंद एअरपोर्ट पर भूपेश पुनिया ने किया स्वागत फिर वहां से निकले सभा स्थल
इसके पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी किसान आभार सम्मेलन को संबोधित करने रायपुर पहुँच गए हैं. एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश संगठन प्रभारी पीएल पुनिया मौजूद थे.राहुल गांधी करीब दो बजकर बीस मिनट पर रायपुर एयरपोर्ट पहुँचे और स्वागत के बाद व्हीआईपी लॉंऊज में कुछ देर के लिए गए, जहाँ उन्होने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और संगठन प्रभारी पी एल पुनिया से चर्चा की.
फिर एयरपोर्ट से हैलिकॉप्टर द्वारा कार्यक्रम स्थल पर पहुचे थे.
भूपेश ने अभिभावकों का दिल जीता
नया रायपुर जिसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की मृत्यु के बाद भाजपा सरकार ने चुनावों के ठीक पहले अटलनगर घोषित किया है, के मेला स्थल में आयोजित विशाल सभा से पहले ही भूपेश बघेल ने अपने कल के त्वरित फैसले से रायपुर और प्रदेश के लाखों अभिभावकों का दिल जीत लिया है जिनके बच्चे निजि स्कूल बस से जाते हैं साथ ही साथ स्कूल संचालकों का भी जो नेताओं की सभाओं में ऐसे अवसरों पर स्कूल बंद करके बसें भीड़ लाने के लिए उपलब्ध कराने के अनावश्यक दबाव से परेशान थे .