रायपुर. संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व द्वारा ‘मंदिर स्थापत्य एवं शिल्प का विकास: 5वीं सदी ईसवी से 11वीं सदी ईसवी तक‘ पर केन्द्रित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 28 से 30 जनवरी तक रायपुर के महंत घासीदास स्मारक परिसर में आयोजित की गई है. यह संगोष्ठी सुबह 10 बजे से प्रारंभ होगी. संगोष्ठी का उद्घाटन संस्कृति मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू करेंगे.संगोष्ठी में मुख्य आमंत्रित वक्ता के रूप में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कला इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. डॉ. सीताराम दुबे रहेंगे. राज्य के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों के भी पुरातत्ववेत्ता, इतिहासकार, अध्येता एवं शोधार्थी इस संगोष्ठी में सम्मिलित होंगे.
28 और 29 जनवरी को संग्रहालय के सभागार में अकादमिक सत्र होंगे, जिसमें देशभर से आए विषय विशेषज्ञ अपना शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे.अकादमिक सत्रों के समापन उपरांत सांयकाल छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति पर आधारित सांगीतिक प्रस्तुतियों का आयोजन होगा.30 जनवरी को संगोष्ठी में आमंत्रित अध्येता छत्तीसगढ़ के मंदिर स्थापत्य के दो महत्वपूर्ण केन्द्रों-देवरानी-जेठानी मंदिर ताला, जिला बिलासपुर और मदकू द्वीप जिला मुंगेली के उत्खनित स्थल/स्मारकों का परिभ्रमण कर प्रदेश के प्राचीन वास्तुकला की विशेषताओं का परिचय प्राप्त करेंगे.

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