• बस्तर में पेशा एक्ट लागू ,कर्जा एक्ट लागू ,फिर भी अवैध ब्याज खोर आम आदमी को बना रहे हैं। निशाना,नियमो व इंसानियत को ताक में रखकर कर है। ब्याज का अवैध व्यापार-मोर्चा
  • अवैध ब्याज कारोबार के खिलाफ बस्तर अधिकार संयुक्त मुक्ति मोर्चा विशेष जागरूकता अभियान चलाएगा
  • बस्तर की जनता से मोर्चा संयोजक नवनीत की अपील
  • अवैध ब्याज खोरों, जो लोगो की मजबूरियों का फायदा उठा शोषण करने वालों पर कार्यवाही हेतु अभियान का हिस्सा बने जनता

जगदलपुर:- कोरोना महामारी के काल मे जहां एक तरफ लोगो की नोकरी ,रोजगार व व्यापार पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। तो वही दूसरी तरफ बस्तर के लोगो की मजबूरियों व जरूरतों का फायदा उठाने के जिले के गाँव व शहर में 7 प्रतिशत 40 प्रतिशत तक अवैध रूप से ब्याज वसूलने का कार्य जोरो पर है। इस अवैध कार्य को बस्तर के कुछ लोगो ने व्यापार बना लिया है।जहाँ उनके निर्धारित एजेंट व्यापारियों व मजबूरी में फंसे लोगों का पता लगा उनको मदद के नाम पर जरूरत की रक़म दे , मूल से कई गुना अधिक मात्रा में ब्याज वसूला जा रहा है। शहर व गांव इस अवैध ब्याज के व्यापार ने अपनी जड़ें इस कदर जमा ली है कि हर वार्ड या गांव में इस व्यापार के शिकार अपने शोषणता की कहानी बता रहे हैं। जानकारों ने बताया कि ब्याज के इस अवैध व्यापार को विगत 2008 से बस्तर में ज्यादा पकड़ मजबूती मिली है। करोड़ो रूपये के काले धन को इस व्यापार में लगाया गया है।

जिसका करोड़ो रूपये का हर महीने ब्याज इन अवैध व्यापार से जुड़े व्यापारियों के पास आ रहा है। जिसकी जानकारी न ही इनकम टैक्स कार्यलय न ही सेल टैक्स कार्यलय को हैं। और न ही जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन को हैं। सरकार के नाक के नीचे बड़े राजनीतिक पहुँच व प्रशासन में पकड़ रखने वाले लोगो ,अधिकारी ,व्यापारियों के अवैध पैसे को निचले स्तर पर इस कारोबार में लगाया गया है। सही समय पर कर्ज व ब्याज नहीं चुकाने पर गिरवी रखी वस्तु को बेचना , गाली गलौच करना ,मारना ,डराने का कार्य कर मानसिक रूप से शोषण किया जा रहा है। शहर में हुए कई हादसे इस से भी जुड़े हुए हैं। जहाँ प्रार्थी ब्याज के चक्र में फस कर खुद को नुकसान पहुचाने या शहर छोड़ कर चले जाने में मजबूर हो गया है। बस्तर अधिकार सयुक्त मुक्ति मोर्चा के सयोजक व प्रवक्ता नवनीत चाँद ने ब्याज के अवैध व्यापार पर बस्तर प्रशासन व सरकार का ध्यान आकर्षित कर कहा है कि बस्तर पांचवी अनुसूची इलाको में से एक है। जहाँ 1996 में पेशा एक्ट लागू है। वही कर्जा एक्ट भी लागू है।

जहाँ बिना शासन के व ग्राम सभा व नगर निगम व पालिका व नगर पंचयात के अनुमति के व बिना लाइसेंस लिए किसी भी प्रकार का कर्ज व ब्याज न लिया जा सकता है। न दिया जा सकता है। वैसे में कुछ कम्पनियो व लोगो द्वारा नियमो को ताक में रख बिना अनुमति के करोड़ो रूपये का कर्ज मजबूर लोगो को गलत ढंग से बाट उन्हें कर्ज के जाल में फसा उन से ब्याज के ऊपर ब्याज वसूल कर उनका शोषण किया जा रहा है। शिकायत के अभाव में प्रशासन व सरकार की उदासीनता ने इस व्यापार को बस्तर में फलने वह फूलने का अपार मौका प्रदान कर दिया है।

नवनीत चांद

जिसके चलते सूद खोरो ने इसे व्यापार का रूप दे अवैध सिंडिकेट का रूप दे दिया है। बस्तर अधिकार सयुक्त मुक्ति मोर्चा कार्यवाही हेतु एक अभियान चलाएगा ,मोर्चा इसके शिकारकर्ताओ को न्याय दिलाने हेतु जिला,व पुलिस प्रशासन को शिकायत पत्र सोप कार्यवाही की मांग करेगा, मोर्चा बस्तर की जनता से अपील करता है कि इस अभियान से जुड़ कर बस्तर को सूद खोरो के चंगुल से छुड़ाने में सहयोग प्रदाय करे।

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