महेश कुंजाम

छत्तीसगढ़ सरकार को बेरोजगारी व आर्थिक तंगी से हरदेव सिन्हा व कमलेश्वरी कांगे की मौत से शर्म आनी चाहिए प्रदेश अध्यक्ष महेश कुंजाम,

रायपुर:- छत्तीसगढ़ सरकार जब सरकार बनाने के लिए चुनावी घोषणा पत्र में प्रदेश के युवा-युवती बेरोजगारो को आश्वासन देती है कि सरकार आने से हर युवा युवती बेरोजगारो को रोजगार देंगे, रोजगार नहीं मिलने पर बेरोजगारी भत्ता 2500 रूपया प्रतिमाह देने का कसम व वादा करती है , तो क्या ये ही दिन देखने व बेरोजगारो के साथ ये ही अन्याय देखने जनता व युवाओं ने सत्ता सौंपा।माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व सत्ता में बैठे तमाम मंत्री, विधायको को शर्म करना चाहिए जो बीते 45 दिन पूर्व ज़िन्दगी में बेरोजगारी, रोजी रोटी के अभाव से तंग होकर रोजगार के सम्बधित अपनी समस्या लेकर बेरोजगार युवा हरदेव सिन्हा, धमतरी जिले के ग्राम तेलीनसत्ती निवासी 29 जून 2020 को दोपहर मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर भूपेश बघेल से मिलने का गुहार लगाया, मुख्यमंत्री के युवक बेरोजगार हरदेव सिन्हा से न मिलने पर बेबस हरदेव सिन्हा ने निराशा के कारण मुख्यमंत्री निवास के मुख्य गेट के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की , आनन फानन में वहां मौजूद लोगों ने उसे हस्पताल पहुंचाया था ।

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष – महेश कुंजाम ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बेरोजगार युवा हरदेव सिन्हा 65 फीसदी जल गए थे इसलिए ईलाज के दौरान कालड़ा हाॅस्पिटल में दम तोड़ दिया। बेरोजगारी, भुखमरी, के कारण हरदेव सिन्हा अपने मां बाप, परिवार व दो बच्चों को छोड़कर दुनिया से जाना पड़ा इसलिए इनके परिवार की देखरेख व हरदेव की मौत का जिम्मेदार प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल होगें।

स्व हरदेव सिन्हा

दूसरी ओर बेरोजगारी व आर्थिक तंगी से ही कांकेर जिले के इच्छापुर की महिला प्रेरक कमलेश्वरी कांगे की जान चली गयी । कमलेश्वरी कांगे बेरोजगारी व आर्थिक तंगी से चिन्तित से बीमार पड़ जाती है और उसकी मौत हो जाती है। जबकि दो दिन पूर्व प्रदेश के पंचायत मंत्री के ट्वीट में प्रेरको का जिक्र हुआ था, दो वर्षो से साक्षर भारत कार्यक्रम बन्द होने से कमलेश्वरी भविष्य को लेकर चिंतित रहती साक्षर भारत कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी को भी बार बार संम्पर्क कर अपनी तकलीफ बताती थी । कमलेश्वरी हताशा के चलते बीमारी रहने लगी थी अन्त समय पर कांकेर के निजी चिकित्सालय पर जीवन ने उनका साथ छोड़ दिया। कमलेश्वरी उनके साथी के साथ आर्थिक तंगी व बेरोजगारी से होने वाली समस्याएं पर बात करते चिन्तित रहती थी लेकिन सरकार वादा छोड़ प्रदेश के बेरोजगारो के साथ अन्याय करती रही व गोबर बेचकर बेरोजगारी खत्म करके रोजगार देने का तमाशा करती रही, इधर हरदेव सिन्हा व कमलेश्वरी कांगे जैसों की जान एक एक कर जाती जा रही है।

आॅल इंडिया स्टूडेन्टस् फेडरेशन छत्तीसगढ़ राज्य परिषद् ने इन दोनों की मौत का जिम्मेदार सरकार को मानते हुए इसकी कड़ी निन्दा करती है और मुख्यमंत्री से पद से इस्तीफा देने की मांग करती है। आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षित बेरोजगार युवाओं में बढ़ रही निराशा को रोकना आखिर सरकार की ही जिम्मेदारी है।

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