पुलिस  कर्मियो की लैब से टेस्ट रिपोर्ट 20 घंटे में  कैसे आ    गयी ,   24 को थाना फिर से शुरू कैसे ? जानें

रायपुर। 25 जुलाई 2020, भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी गाईडलाईन अनुसार जिला रायपुर में नगर पालिक परिषद आरंग में पुलिस थाना परिसर (ताना आरंग) में 6 नए कोरोना पॉजिटिव केस पाये जाने के फलस्वरुप उक्त क्षेत्र को 23 जुलाई को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया ।

कन्टेनमेंट जोन की परिसीमाएं इस प्रकार हैं-

– पूर्व में- रास्ता
– पश्चिम में- गोपाल चंद्राकर का मकान
– उत्तर में – बोधन देवांगन का मकान
– दक्षिण में – पुराना हाइवे रास्ता
कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत निम्न कार्यवाही की जाएगी-

ये आदेश 23 जुलाई 2020 को जारी हुआ था और 24 जुलाई को थाना खोल दिया गया , सभी 9 स्टाफ को ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया जबकि एक दिन पहले ही स्वाब  टेस्ट के लिए भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट आज 24 जुलाई देर रात्रि तक नही आई थी। थाने में रिपोर्ट के इंतजार में बैठे कर्मचारियों  की चिंता बढ़ रही थी, आसपास की आम जनता में भी उत्सुकता थी।
कोरोना के बारे में जारी दिशा निर्देशों का इस तरह उल्लंघन स्वयं थाने परिसर में होना विचारणीय  प्रतीत हो रहा  था      प्रोोटो  काल का पालन अगर पुलिस महकमा ही नही करेगा तो बाक़ी जनता से क्या उम्मीद की जाएगी। किन्तु अफसरों की योजना कुछ और थी।

एक ही दिन में हटा दिया गया कंटेन्मेंटजोन ?

बताया गया कि पुलिस कर्मियों का कोरोना टेस्ट ट्रू नाट             पद्धति से करवा कर जिनका निगेटिव आया उंन्हे सेनिटाइज कराए गए थाने में ड्यूटी पर लगा दिया गया। रायपुर ग्रामीण के इंचार्ज सहायक पुलिस अधीक्षक तारकेश्वर बताते हैं कि जिनका भी पॉजिटिव आया था उंन्हे हस्पताल भेज दिया गया है और निगेटिव आने वालों की ही ड्यूटी लगाई गई है। कंटेन्मेंट जोन के एक ही दिन में फ्री जोन हो जाने के सवाल पर उनका कहना है कि हस्पताल, पुलिस थाना ऐसी अनिवार्य सेवाओ की जगह है कि इसे अधिक समय बंद रखना मुनासिब नही , साथ ही ये राष्ट्रीय राजमार्ग के थाने का भी सवाल है ।

क्या है ट्रू नाट टेस्ट ?

हमने  वरिष्ट्ठ चिकित्स्सक से  बात की डॉ विप्लब बंधोपाध्याय से कोरोना टेस्ट के इस नए प्रकार के बारे में,       चर्चा मेंं    उनका मानना है कि इस ट्रू  नाट टेस्ट   का             प्र यो ग ज्यादा तर  सर्जरी करने वाले चिकित्सक करते हैं क्योंकि कोरोना पेशेंट की सर्जरी से थोड़ा परहेज किया जाता है, इस टेस्ट में वायरस के जेनेटिक्स के कुछ हिस्से का परीक्षण किया जाता है हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर के पैमाने पर अभी तक RTPCR टेस्ट की ही स्वीकार्यता है इस पद्धति को     आई सी एम आर की लिस्ट मेंं हो ने के बाद     भी पूरी तरह सुरक्षित नही माना है हालांकि कई निजी लैब इसे कर रही हैं। यही बात  डॉ के बी बंसोड़े भी कहते हैैं की ये एक किसम का एंटी जन एलिजा टेस्ट है। जिसमे 1

घंटे में नतीजे मिल जाते है, किन्तु विश्वसनीयता ?

 

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