रायपुर 4 अगस्त 2020 ( इंडिया न्यूज रूम):- सारे देश मे और राज्य में भी कोरोना के खिलाफ जंग जारी है और उपलब्ध चिकित्सा संसाधनों का पूरी क्षमता से इस्तेमाल करने का दावा सरकार और चिकित्सा अमला कर रहा है दूसरी ओर कोविड वार्ड में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को कम्युनिटी संक्रमण के खतरे से बचाने ड्यूटी के बाद घर जाने से मना करके हस्पताल के निकट मंगलभवन में रुकने की व्यवस्था की गई थी, विगत कुछ दिनों से उन्हें समय पर और ठीक भोजन न दिए जाने की शिकायत करते हुए वे हड़ताल पर हैं।
30 जुलाई को जब 10 बजे तक नाश्ता नहीं आया तो भूखे रहने की बजाय इन कर्मचारियो ने सुपरवाइजर श्रीमति जैन से चर्चा करके भोजन की व्यवस्था होने तक काम बंद रखने की जानकारी प्रबंधन को दी ॰ हरेली , राखी, ईद जैसे सारे त्योहार कोविड हस्पताल मे ड्यूटी के नाम पर वे यही गुजार चुके हैं,झूठे आरोप लगा कर प्रबंधन उन्हे काम से हटाना चाहता है जबकि उनकी मांग सिर्फ समय पर नाश्ता भोजन देने की है।
60 कर्मचारियों के भोजन की शिकायत पर समाधान करने की बजाय तानाशाही पूर्ण रवैये से हस्पताल प्रबंधन आज ही इन्हें काम पर न रख कर हटाने की धमकी दे चुका है ये बताते हुए इन कर्मचारियों में से एक रूप माला मेश्राम कहती है कि कर्मचारियों को जब अपने घर नही जाने दिया जा रहा है तो उनके भोजन की उचित व्यवस्था तो सरकार को करनी ही चाहिए। 29 जुलाई को अधीक्षक से हो रही चर्चा के समय एक महिला कर्मचारी बेहोश हो गयी थी जिसके इलाज की व्यवस्था किए बिना अधिकारी चले गए थे।
एक अन्य कर्मचारी लक्ष्मी बताती हैं – मेकाहारा अधीक्षक डॉ विनीत जैन से चर्चा करने पर भी कोई हल नही निकला बल्कि ठेकेदार श्री जैन और सुपरवाइजर श्रीमती जैन द्वारा समाधान के लिये कोई रास्ता नही निकाला गया, कर्मचारियों को धमकाया गया तथा पुराने की बारी बारी से छंटनी की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी। 8 से 10 वर्षो से कलेक्टर दर पर कार्य कर रहे कर्मचारियों में इससे रोष है उन्हें समय पर नाश्ता और भोजन की सामान्य जरूरत को भी प्रबंधन पूरा नही कर पा रहा है जबकि कोविड वार्ड में संक्रमण के खतरे के बीच वे बिना किसी अतिरिक्त वेतन के काम कर रहे थे उनकी अब तक कोविड जांच भी नही की गई है। उनके साथ अब तक प्रबंधन का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। आज भी प्रबंधन में कोई जवाब देंने उपलब्ध नही था।