सात सूत्रीय मांग को लेकर गृहमंत्री को सौंपा है ज्ञापन
रायपुर। रायपुर जिले में लॉकडाउन का आज अंतिम दिन है। पिछले कई दिनों से बसें शुरू होने की बाट जोह रहे यात्रियों को अभी और मुसीबत झेलनी होगी। बस संचालकों ने लॉकडाउन के बाद बसें संचालित करने में अपनी असमर्थतता जाहिर कर आज गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपा है।
राजधानी के बस मालिकों ने एक स्वर में घाटे में रहकर बस चलाने से इंकार कर दिया है। बम मालिकों के समूह ने सर्वसम्मति से तय किया है कि जब तक उनकी सात सूत्रीय मांगे पूरी नहीं होगी वे बस नहीं चलाएंगे। ज्ञात हो कि शासन ने सख्त दिशा-निर्देश देकर बस संचालित करने के लिए पूर्ण में अनुमति दी थी। इसमें यात्रियों के मध्य एक सीट का अंतर रखने, क्षमता से आधी सवारी बिठाने, यात्रियों की स्क्रीनिंग करने, सेनेटाइजिंग की व्यवस्था करने जैसी कई बातें शामिल थी। बस संचालकों ने कुछ दिनों तक बसें संचालित की लेकिन इसके बाद उन्हें लगातार हो रहे आर्थिक नुकसान के चलते बसों के पहिए थम गए थे। बताया जाता है कि बस केवल 14 से 15 दिन ही चल पाई थी कि बस मालिकों ने लगातार हो रहे नुकसान को देखते हुए बसें नहीं चलाने का फैसला किया था। इसके बाद से ही बसों के पहिए थमे हुए हैं। इधर राज्य के कई इलाके ऐसे हैं जहां केवल बसों से ही आवाजाही की जा सकती है। ऐसे क्षेत्र के यात्री बेसब्री से बसें चलने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन ऐसे यात्रियों को अभी और मुसीबत झेलनी होगी। बस मालिकों ने अपनी 7 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर वर्तमान में बसें नहीं चलाने का फैसला किया है। बस मालिकों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आज गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को ज्ञापन सौंपकर अपनी बात रखी है। अब देखने वाली बात है कि शासन-प्रशासन बस मालिकों की मांगों पर क्या कदम उठाती है।