लकड़ी तस्कर गिरोह से विभागीय अमला की सांठ-गांठ का संदेह

कोरबा। जिले के वन मण्डल कोरबा अंतर्गत कुदमुरा रेंज में बड़े पैमाने पर ईमारती लकडिय़ों की कटाई करने का मामला सामने आया है। संदेह जताया जा रहा है कि वन विभाग के कारिन्दों की मिली भगत से लाखों रूपयों की बेशकीमती पेड़ों की कटाई संगठित लकड़ी तस्कर गिरोहों ने की है। ये तमाम लकडिय़ां कोरबा और रायगढ़ जिले में खपाने की भी चर्चा सुनने में आ रही है।

जानकारी के अनुसार कुदमुरा रेंज ईमारती लकडिय़ों के पेड़ों के मामले में काफी समृद्ध है। यहां साल के बहु-उपयोगी पेड़ों के साथ सागौन के बेशकीमती पेड़ भी बड़ी संख्या में है। पिछले दिनों जब कोरोना संकट के कारण लॉक डाउन था, तब कुदमुरा रेंज के विभिन्न गांवों में बड़ी संख्या में सागौन और साल के पेड़ों की कटाई कर लकडिय़ों की चोरी कर ली गयी।
सूत्रों के अनुसार कुदमुरा रेंज के चचिया, बैगामार, तराईमार डीह, राजा डहाई, कुदमुरा नदी तट, जिल्गा, धृतकुवांरी, तौलीपाली आदि गांवों के जंगल में बड़े पैमाने पर बेशकीमती लकड़ी के पेड़ों की कटाई कर ली गयी है। एक अनुमान के अनुसार करीब सात हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगे विशाल पेड़ों को काटकर घने जंगल को मैदान में बदल दिया गया है। सैकड़ों की संख्या में काट लिये गये पेड़ों की लकडिय़ों की कीमत लाखों रूपये बतायी जा रही है। क्षेत्र के ग्रामीणों से चर्चा करने पर उन्होंने संदेह जताया कि इतने बड़े पैमाने पर लकडिय़ों की अवैध कटाई बिल्कुल संभव नहीं है। इस गोरखधंधे में विभागीय अमला भी सहभागी होगा।

मिली जानकारी के अनुसार अवैध कटाई के बाद साल और सागौन की लाखों रूपये मूल्य की लकडिय़ों की तस्करी कर कोरबा तथा रायगढ़ जिले के लकड़ी कारोबारियों में खपाया गया है। इस संबंध में एस.डी.ओ.वन खैरवार और रेंजर वी.पी.मरावी से मोबाइल पर संपर्क का प्रयास किया गया। घंटी भी जाती रही, लेकिन उत्तर नहीं मिला, जिसके चलते अवैध पेड़ कटाई के संबंध में विभाग का पक्ष प्राप्त नहीं हुआ।

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