न्यूनतम मजदूरी 18000 रुपये सुनिश्चित करने की मांग

कांकेर . वनाधिकार व श्रम कानूनों के क्रियान्वयन की मांग को लेकर 07 मार्च  को कांकेर में छत्तीसगढ़ किसान सभा व राजमिस्त्री, रेजा, कुली मजदूर एकता यूनियन ने रैली निकाली व जिलाधीश कार्यालय पर प्रदर्शन किया. किसानों व असंगठित क्षेत्र से जुड़े मजदूर वनभूमि से आदिवासियों की बेदखली के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निरस्त करने , वनाधिकार के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नए दावे स्वीकार करने, असंगठित क्षेत्र के सभी मजदूरों को तत्काल पंजीयन कार्ड देने तथा न्यूनतम मजदूरी 18000 रुपये सुनिश्चित करने, प्रशिक्षण-प्रोत्साहन राशि शीघ्र देने, कांकेर में श्रम न्यायालय खोलने, सभी ब्लाकों में श्रम निरीक्षक नियुक्त करने, जिले में ईएसआई हॉस्पिटल खोलने व चलित एम्बुलेंस चालू करने की मांग कर रहे थे.

जिलाधीश कार्यालय पर समाप्त हुई रैली के बाद हुई सभा  को अन्य स्थानीय नेताओं के साथ माकपा राज्य सचिव व किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश  में भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया गया है, उसी प्रकार आगामी लोकसभा चुनावों में मजदूर-किसान-आदिवासी विरोधी मोदी सरकार को चलता करने और केंद्र में वैकल्पिक नीतियों के आधार पर एक जनपक्षधर सरकार के गठन की जरूरत है. आगामी दिनों में इन मुद्दों पर संघर्ष और तेज करने होंगे और इसके लिए संगठन को और मजबूत बनाने की जरूरत है.

जिला प्रशासन ने 9 मार्च को यूनियन नेताओं को त्रिपक्षीय वार्ता के लिए आमंत्रित किया है, ताकि मजदूरों की  समस्याओं को हल करने की दिशा में बढ़ा जा सके.प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मौजूद किसानो, मजदूरों और राजमिस्त्री कारीगरों ने शहर में रैली भी निकाली .

 

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