रायपुर। राज्य में पूरी तरह से बंद हो चुके यात्री बस सेवा के पुन: बहाली के लिए बस मालिकों ने अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर कल परिवहन मंत्री से मुलाकात की है। बताया जाता है कि अब बस मालिकों की परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक होगी और मांगों को लेकर चर्चा होगी। यदि सब कुछ ठीक रहा और बस मालिकों की मांगें पूरी कर दी गई तो बस सेवा पुन: बहाल होगी अन्यथा बस सेवा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित रहेगी।
सूत्रों ने बताया कि अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर कल बस मालिक संघ के प्रतिनिधि मंडल ने परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर से मुलाकात कर संघ की मांगों से उनहें अवगत कराया है। मंत्री श्री अकबर ने अब परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बस मालिकों को चर्चा करने कहा है। दोनों पक्षों के बीच यह बैठक जल्द होगी। अधिकारियों से मिलने वाले फीडबैक और मांगों को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा के बाद ही यह निर्णय हो पाएगा कि बस मालिकों की मांगें पूरी होगी अथवा नहीं।
यह है बस संचालकों की मांग :
बस ऑपरेटरों ने मांग की है कि सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक टैक्स में छूट दी जाए। वर्तमान में दो माह के बसों एवं परमिटों के निष्प्रयोग की सीमितता के नियम को समाप्त कर दिया जाए। 15 जनवरी, 2009 की अधिसूचना के माध्यम से नियम बनाया गया था, ताकि बस संचालकगण बस संचालन न कर पाने की स्थिति में बस को निष्प्रयोग में रख सकें। इससे पहले के फ ार्म एवं एम फ ार्म का शुल्क 10 रुपये था, जिसे अनावश्यक रूप से बढ़ाकर एक हजार कर दिया था। उसे दोबारा 10 रुपये किया जाए। डीजल के मूल्य में भारी वृद्धि हो गई है। इस कारण यात्री किराया 40 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए। डीजल के वैट टैक्स में 50 प्रतिशत तक कटौती की जाए। एकल क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार छत्तीसगढ़ द्वारा पूर्ववत सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर एवं सरगुजा में किया जाए, जिससे राज्य से बस संचालकों को छोटे-छोटे काम के लिए रायपुर आना न पड़े। परमिट नवीनीकरण के बाद प्रति हस्ताक्षर न होने की स्थिति में परमिट वैध न होने के कारण कर न लिया जाए। व्हील बेस के आधार पर बसों से पंजीयन के नियम को समाप्त कर बसों का भौतिक सत्यापन कर उपलब्ध सीटों एवं शयनयान के आधार पर बसों के पंजीयन का नियम बनाया जाए। यातायात महासंघ ने कहा कि प्रदेश भर के बस ऑपरेटरों ने 08 सूत्रीय मांगों को लेकर परिवहन मंत्री से मुलाकात की है। बस ऑपरेटरों की मांग से परिवहन मंत्री सहमत हुए हैं। परिवहन मंत्री ने दो दिन का समय दिया है। कोरोना के चलते 21 मार्च से प्रदेश में बसों का संचालन बंद कर दिया गया था। शासन ने अनलॉक में बस संचालन का आदेश जारी किया था, लेकिन बस संचालकों ने अपनी मांगों को लेकर बसें नहीं चलाईं।