कोरबा। एसईसीएल प्रबंधन ने भले ही 150 करोड़ की राशि राताखार से इमलीछापर चौक तक सड़क नवनिर्माण के लिए दे दी है लेकिन फोरलेन बनने तक इस मार्ग में जाम की समस्या से राहत नहीं मिलने वाली है। आज कोरबा-कुसमुंडा रोड में दो वाहनों की टक्कर के बाद लगे जाम में कई मरीज और आम लोग बुरी तरह परेशान हो गए। जाम को हटाने के साथ आवागमन बहाल कराने में कुसमुंडा और कोरबा पुलिस के साथ-साथ यातायात के अमले को मशक्कत करनी पड़ी। दो घंटे से ज्यादा समय तक परेशानी झेलने वालों को मौके से मुक्ति मिल सकी।

कोरबा से कुसमुंडा जाने वाले मार्ग की बदहाली काफी समय से बनी हुई है। पांच वर्ष पहले एसईसीएल ने कुसमुंडा तक की सड़क तैयार कराई थी। इस पर करोड़ों की राशि खर्च की गई थी और दावा किया गया था कि बेहतर गुणवड्डाा के साथ बनाई गई यह सड़क श्रेष्ठतम टिकाऊ और मजबूत विकास का उदाहरण साबित होगी। इसके जीवनकाल के लिए गारंटी भी दी गई थी लेकिन ऐसे सभी दावे हवा-हवाई बनकर रह गए। समय से पहले सड़क का कचूमर निकल गया। कई स्थानों पर सड़क नाम की चीज को गड्ढों ने अपने भीतर समेट लिया है। सर्वमंगला नगर चौक के पास 200 मीटर की सड़क का हाल कुछ ऐसा ही है। यहां से पुलिस चौकी तक के हिस्से में आवाजाही करने वालों को दिन में तारे नजर आ रहे हैं। जबकि सीएचपी से आगे के रास्ते में सड़क की कटाव के कारण कई तरह की समस्याएं हैं। बारिश में ऐसे गड्ढों में पानी के जमाव होने और निकासी के लिए उचित प्रबंधन नहीं होने के चलते वाहनों के साथ हादसे हो रहे हैं। इसके चलते जाम की स्थिति निर्मित हो रही है।

कुसमुंडा मार्ग पर आज सुबह दो वाहनों की भिड़ंत के बाद उन्हें हटाने का कोई रास्ता नहीं निकाला जा सका। नतीजा यह हुआ कि कोरबा और कुसमुंडा की तरफ से आने-जाने वाले वाहनों की लंबी लाइन लग गई। समस्या का दायरा मजबूत होने पर किसी तरह एक तरफ के वाहनों को जाने की अनुमति दी गई। इसमें समस्या तब बढ़ गई जब कई मरीज कोरबा की तरफ नहीं जा सके, जिन्हें उपचार के लिए चिकित्सक ने समय दिया था। जोखिम की स्थिति ने मरीजों के साथसाथ उनके परिजनों की चिंता बढ़ाई। कई स्तर पर यह समस्या बताने के बाद पुलिस ने फौरी तौर पर मशक्कत की, फिर भी दो घंटे के बाद ही यहां से दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटाने के साथ जाम को समाप्त किया जाना संभव हो सका। लोगों ने माना कि पुलिस के बिना इस तरह के हालात को नियंत्रित कर पाना किसी के बस की बात नहीं है।

लगातार बनाए जा रहे दबाव को ध्यान में रखते हुए एसईसीएल ने समस्यामूलक रास्ते को फिर से बनाने पर सहमति जताई। पिछले दिनों बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में इस प्रस्ताव को रखा गया था। वहां से विशेष स्वीकृति दी गई जिसके बाद एसईसीएल ने राशि का चेक प्रशासन को सौंप दिया है। उसके द्वारा तय एजेंसी के माध्यम से बारिश के बाद मार्ग का निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। उ्मीद की जा रही है कि सामान्य और भारी वाहनों की आमदरफ्त को बेहतर करने में फोरलेन उपयोगी साबित हो सकेगा। कोरबा नगर और जिले में व्यापक जनहित से संबंधित समस्याओं को लेकर चे्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रामसिंह अग्रवाल ने पहल की है। उन्होंने मालगाडिय़ों के क्रासिंग पर फंसने से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए अंडर ब्रिज और ओवर ब्रिज बनाने के लिए जरूरी कार्रवाई की मांग स्पीकर डॉ. चरणदास महंत से की है। कई बिंदुओं पर उन्हें ज्ञापन देने के साथ अपेक्षा की गई है कि इस विषय को प्राथमिकता से लिया जाए।

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