रायपुर। जेसीसीजे अध्यक्ष अमित अजीत जोगी ने अपने उपवास के दूसरे दिन कहा कि पूर्ववती सरकार द्वारा मार्च 2016 में विधायक वेतन वृद्धि के प्रस्ताव का मैंने विधायक की हैसियत से पुरजोर विरोध किया था। इस बाबत मैंने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को पत्र लिख कर पूरे विषय से अवगत भी करवाया था। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष से मैंने इस बाबत विधानसभा में चर्चा करवाए जाने का भी अनुरोध किया था। मेरा मानना था कि जिस समय हमारा प्रदेश भीषण सूखे की समस्या से जूझ रहा है उस समय सरकार का विधायकों की वेतन वृद्धि करना उनकी मंशा ‘अन्नदाता सुखी भव:’ के विपरीत ‘विधायक सुखी भव:’ था। अप्रैल 2016 से लागू की हुई वेतन वृद्धि को मैंने कभी स्वीकार नहीं किया बल्कि उस राशि से जरूरतमंदों की सहायता की।

अमित ने बताया कि 2018 के चुनाव उपरांत प्राप्त होने वाली पूर्व विधायकों की पेंशन राशि भी अभी हाल ही में बेरोजगारी से त्रस्त होकर आत्महत्या करने वाले स्वर्गीय हरदेव सिन्हा के परिवार को भी मैंने पेंशन की राशि दी थी। राज्य सरकार ने हालिया कैबिनेट बैठक में विधायक पेंशन निधि बढऩे की घोषणा करी है।
अमित जोगी ने ऐलान किया कि जब तक हमारे बेरोजग़ार नौजवानों को राज्य सरकार नौकरी नहीं देती, अनियमित कर्मचारी साथियों का नियमितिरण नहीं करती, तब तक मेरे लिए विधायक पेंशन लेना नैतिक रूप से सही नहीं होगा। इसलिए मैं यह घोषणा करता हूँ कि अपने बेरोजग़ार और कर्मचारी साथियों को न्याय मिलने तक मैं पेंशन नहीं लूंगा।

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