नई दिल्ली(एजेंसी):- एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन (Corona Vaccine) बनाने में जुटी है तो दूसरी तरफ हाल की कुछ खबरों ने बड़ा गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर ये वैक्सीन कितने प्रभावशाली साबित हो पाएंगे? ऐसी ही खबरों की कड़ी में तेलंगाना से आई रिपोर्ट ने इस सवाल को और भी गहरा कर दिया है। तेलंगाना सरकार ने कहा है कि मंगलवार को राज्य में कोविड-19 के दो ऐसे मरीज पाए गए जिन्हें पहले भी कोरोना से संक्रमित हुए थे और इलाज के बाद ठीक हो गए थे।

सबसे बड़ा सवाल- कितना प्रभावी होगी वैक्सीन?
बड़ी बात यह है कि तेलंगाना में यह रिपोर्ट आने से एक दिन पहले ही हॉन्ग कॉन्ग के शोधर्ताओं ने भी दावा किया था कि उन्हें कोविड-19 की दोबारा जकड़ में आने वाला पहला मरीज मिला है। यानी, किसी के एक बार कोविड-19 से ग्रस्त होने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि अब वह कोरोना के प्रति इम्यून हो गया है। क्या इसका मतलब यह भी लगाया जाए कि दुनियाभर में तैयार की जा रही वैक्सीन भी कोरोना से बचाव की शत प्रतिशत गारंटी नहीं देगी?

ऐंटीबॉडीज का खेल
बहरहाल, तेलंगाना सरकार ने आम लोगों से अपील की है कि वो अतिरिक्त सतर्कता बरतें। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इतेला राजेंदर (Etela Rajender) ने कहा, ‘इसकी कोई गारंटी नहीं है कि कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो जाने के बाद दोबारा इस वायरस से संक्रमित नहीं होगा। पहली बार संक्रमण के बाद जिस व्यक्ति में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडीज विकसित नहीं हो पाती हैं, उन्हें दोबारा कोविड-19 महामारी होने का खतरा बना रहता है।’

एक टीवी चैनल से बात करते हुए राजेंदर ने कहा, ‘अब तक एक लाख कोरोना केस में सिर्फ दो लोगों में ही दोबारा संक्रमण की पुष्टि हुई है।’ उन्होंने राज्य के लोगों से अपील की कि वो घबराएं नहीं और बताया कि तेलंगाना में कोविड-19 से मृत्यु दर 0.7 से 0.8 प्रतिशत है। यानी संक्रमति होने वालों में 99 प्रतिशत से ज्यादा मरीज ठीक हो जा रहे हैं।

दुनिया में 2.40 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित
ध्यान रहे कि चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने दुनियाभर में तबाही मचा रखी है। वायरस से पूरी दुनिया में अब तक 2.40 करोड़ से ज्यादा लोगों को संक्रमित हो चुके हैं। इस कारण 8.23 लाख से ज्यादा लोगों की जान भी जा चुकी है। वहीं, भारत में भी 32 लाख से ज्यादा लोग कोविड-19 महामारी की चपेट में आ गए हैं और यह संख्या हर दिन बढ़ती ही जा रही है। राहत की बात यह है कि देश में कोविड-19 महामारी से होने वाली मृत्यु की दर 2 प्रतिशत से भी कम है। फिर भी यहां करीब 60 हजार लोगों की जान जा चुकी है।

टीके की तरफ टकटकी लगाकर देख रही है दुनिया
ऐसे में पूरी दुनिया की निगाहें विकसित हो रही वैक्सीन पर टिकी हैं। लेकिन कोरोना के दोबारा हमले की खबरों ने कुछ गंभीर सवाल खड़े कर दिए कि क्या क्या कोरोना वायरस किसी को दोबारा संक्रमित नहीं कर सकता है, यह थिअरी गलत है? क्या कोविड-19 महामारी से उबर चुके व्यक्ति को यह महामारी दोबारा नहीं जकड़ सकती है, यह मानना घातक साबित हो सकता है? क्या कोरोना का टीका लग जाने के बाद व्यक्ति कभी इस वायरस से संक्रमित नहीं होगा, इस पर भरोसा किया जा सकता है?

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