अम्बिकापुर के पत्रकार मनीष सोनी के ऊपर कांग्रेस के नेताओ के दवाब में की गई एफआईआर ?
कांकेर -: आज कांकेर में प्रभारी एस पी गोवर्धन ठाकुर को मनीष सोनी के खिलाफ की एफआईआर के विरोध में अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति छत्तीसगढ़ ने ज्ञापन सौपा।
कांकेर जिले के पत्रकार मनोज जायसवाल के नेतृत्व में अम्बिकापुर के पत्रकार मनीष सोनी पर गलत तरीके से की गई एफआईआर के विरोध में राज्यपाल, छत्तीसगढ़ एवं मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ के नाम ज्ञापन दिया गया जिसमें जांच करने एवं पत्रकार के खिलाफ एफआईआर करने के दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की गई है ।
पत्रकार मनीष सोनी के साथ क्या हुआ –
अम्बिकापुर के पत्रकार मनीष सोनी ने किसान की फसल पर जे सी बी चलाये जाने को लेकर एक खबर बनाई जिसको उन्होने अपने यू ट्यूब चैनल पर भी डाला लेकिन कुछ शरारती तत्वों के द्वारा उसकी कॉपी पेस्ट करके कुछ असामाजिक शब्दो को जोड़ कर उसे वायरल किया, जिसमें पत्रकार मनीष का कोई लेना देना नही, लेकिन कांग्रेस के कुछ नेताओ के दवाब में गलत एफआईआर आई टी एक्ट के तहत दर्ज कर दी गई है जो की सरासर गलत है। अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति, छत्तीसगढ़ ने एफआईआर वापस लेने एवं जिन्होंने इस गलत कार्य को अंजाम दिया उन पर कार्यवाही की जाने की मांग की है।
दूसरी ओर अम्बिकापुर क्षेत्र के इलेक्ट्रानिक मीडिया और वेब मीडिया के एक पत्रकार पर शिकायत के मामले में पत्रकारों ने मोर्चा खोला है. अम्बिकापुर महापौर डॉ अजय तिर्की और जिला कांग्रेस कमेटी के खिलाफ पत्रकारों के एक बड़े समूह ने कोतवाली थाने मे शिकायत दर्ज करा कर एफआईआर की मांग की है और ऐसा नहीं करने पर क्रमिक भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी है.
क्या था मामला सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमे नगर निगम प्रशासन और प्रबंधन ने एक किसान की खडी फसल पर जेसीबी चला कर पक रही धान की फसल चौपट कर दी. जिसके बाद तकरीबन सभी अखबार और इलेक्ट्रानिक मीडिया मे ये खबर प्रमुखता से चली. पत्रकार मनीष ने भी ये खबर अपने सोशल मीडिया मे अपलोड की, उसी वीडियो में आपत्ति ज़ाहिर करते हुए महापौर डॉ अजय तिर्की कोतवाली थाने पहुंचे और कोतवाली पुलिस ने मनीष पर एफआईआर दर्ज कर लिया. जिस वीडियो को लेकर महापौर ने एफआईआर करवाई उसमे आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल था, जबकि पत्रकारों का आरोप है कि महापौर ने एडिटेड वीडियो के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई और पुलिस ने बिना जांच किये मामला दर्ज कर लिया. पत्रकारों का कहना है कि उस वीडियो और पत्रकार मनीष सोनी द्वारा सोशल मीडिया मे अपलोड किए गए वीडियो में काफी अंतर है जिसे पुलिस ने नज़रअंदाज़ किया है.
पत्रकार क्षेत्र के मंत्री टी.एस सिंह देव से मिलने भी गए थे पर किन्ही कारणों से उनसे मुलाकात नहीं हो पायी. करीब आधे घंटे में इंतज़ार के बाद भी मंत्री से मुलाक़ात ना होने के बाद पत्रकार वापस लौट आये और अब वेब और इलक्ट्रोनिक मीडिया के पत्रकारों द्वारा जिला कांग्रेस कमिटी के बहिष्कार की अटकलें तेज़ हो गयी हैँ.