रायपुर .  छत्तीसगढ़ के बालोद में डेढ़ साल की बच्ची को सिगरेट से जलाने वाले आरोपी पुलिसकर्मी अविनाश राय को डीजीपी डीएम अवस्थी ने बर्खास्त करने के आदेश दे दिए हैं।
बालोद क्षेत्र के सिवनी का मामला है जिसमें  नशे में धुत आरोपी सिपाही ने की वारदात
मकान मालकिन की डेढ़ साल की बच्ची को पापा कहने के लिए दबाव बना रहा था.

छत्तीसगढ़ के बालोद में डेढ़ साल की बच्ची को सिगरेट से जलाने वाले आरोपी पुलिसकर्मी अविनाश राय को डीजीपी डीएम अवस्थी ने बर्खास्त करने के आदेश दे दिए हैं। साथ ही आरोपी की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम का भी गठन किया गया है। आरोपी कांस्टेबल की इस वहशियाना हरकत पर डीजीपी अवस्थी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सख्त कार्रवाई की बात कही है।

मीडिया में खबरें आने के बाद डीजीपी डीएम अवस्थी ने मामले में संवेदनशीलता दिखाई। दैनिक भास्कर की खबर को छत्तीसगढ़ पुलिस ने सोशल मीडिया पर टैग करते हुए पुलिसकर्मी अविनाश राय पर कार्रवाई करने की जानकारी दी है। आरोपी दुर्ग पुलिस लाइन में पदस्थ है और फरार हो गया है। दुर्ग एसपी ने डीबी डिजीटल की खबर पर शुक्रवार को ही सिपाही राय के संबंध में जांच के निर्देश दे दिए थे।

उधारी के रुपए मांगने के बहाने गया था आरोपी सिपाही
बर्खास्त कांस्टेबल अविनाश राय करीब एक माह पहले बालोद के सिवनी में किराए से रहता था। दुर्ग ट्रांसफर होने के बाद वह उधार दिए गए रुपए मांगने सिवनी में अपने मकान मालिक के घर पहुंचा। आरोप है कि गुरुवार रात शराब के नशे में धुत अविनाश ने मकान मालिक की डेढ़ साल की बच्ची से उसे पापा कहने के लिए कहा। बच्ची के मना करने पर गाली देते हुए सिगरेट से 50 जगह जला दिया
ट्रांसफर होने के बाद से दुर्ग पुलिस लाइन से गायब था आरोपी
बताया जा रहा है कि आरोपी पुलिसकर्मी अविनाश राय का करीब 20 दिन पहले दुर्ग पुलिस लाइन में ट्रांसफर हो गया था। इसके बाद भी उसने ज्वाइन नहीं किया। घटना के 5 दिन पहले से ही वह सिवनी में अपने पुराने मकान मालिक के घर रुका हुआ था। इसकी जानकारी पुलिस लाइन में भी किसी को नहीं थी। घटना के बाद जब पता चला तो जांच की बात कही गई।
दूसरे के आई डी कार्ड का प्रयोग करके भिलाई के लॉज मे छुपे आरोपी आरक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया , पुलिस ने लगातार उसके मोबाइल की लोकेशन को ट्रॅकिंग पर रखा तथा उसे गिरफ्तार करने मे सफलता पाई । आरोपी पीड़ित बच्ची के चाचा के घर भी किराएदार रहा इसलिए उसका बच्ची को गोद मे उठा कर खिलाना पिलाना परिवार मे स्वाभाविक माना जाता था। इस घटना के समय शराब के नशे मे होने के कारण कुछ भी याद नहीं होने की बात आरोपी कर रहा है।

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