(सिलगेर से लौट कर – पी सी रथ )
17 मई को गोलीकांड की बरसी में मनाए जा रहे शहीद दिवस में लोगों के मन में उदासी या गुस्सा के बजाय एक लोकतांत्रिक आंदोलन में भागीदारी करने का उत्साह दिख रहा था।
प्रिंटर पर लेपटॉप से निर्देश दे कर विज्ञप्तियां व सूचना प्रिंट की व्यवस्था
सारे आयोजन में संयोजन की कमान युवाओं के हाथों में
पुलिस की बाड़ के आगे जाने की कोई जद्दोजहद नही थी बस अपना प्रदर्शन और नृत्य संगीत से अपने हजारों लोगों को बांधे रखने की प्रस्तुतियां थी। लंबे चले आंदोलन से थकावट का कोई चिन्ह नही था।
छत्तीसगढ़ के दूसरे छोर पर स्थित हसदेव के जंगलों को बचाने का मुद्दा भी पोस्टरों में शामिल था।
उत्साह से सराबोर रंग बिरंगी पोशाकों में आदिवासी जनता जो बेहद सीमित साधनों से जीवन जीती आई है ।
स्त्री पुरूष यूरिनल की व्यवस्था