दावा किया जल्द ही नक्सलियों की मांद तक पहुँचेगी फोर्स
दंतेवाड़ा के अरनपुर में थाने से केवल 2 किमी दूर पक्की सड़क पर हुए आई ई डी विस्फोट से कल 10 जिला पुलिस बल के जवानों और एक सिविल ड्राइवर की मौत के बाद आज मुख्यमंत्री दंतेवाड़ा पहुँचे। भूपेश बघेल ने पुलिस लाईन में शहीद जवानों के शवों को कंधा दिया और फोर्स की बहादुरी की सराहना की। मुख्यमंत्री ने सी आर पी एफ को फील्ड पर अपनी गतिविधियां बढ़ाने को कहा उनका कहना था कि हमेशा डीआरजी को आगे कर देना ठीक नही , इस मामले में मैं केंद्रीय गृहमंत्री से चर्चा करूंगा।
श्री बघेल ने मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के इंटेलिजेंस फेलुअर संबंधी बयान की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे समय में राजनैतिक बयान देने से नेताओं को बाज आना चाहिए। बस्तर में हम 600 ग्रामों को नक्सल प्रभावों से मुक्त कर शिक्षा और सड़क के माध्यम से विकास की मुख्यधारा से जोड़ रहे हैं। खुद केंद्र सरकार ने कोंडागांव जिले को इसी बीच नक्सलमुक्त जिला घोषित किया है।
किसने दिया घटना को अंजाम ?
दूसरी ओर अरनपुर घटना की प्रारंभिक जांच में पुलिस को सूचना मिली है कि मंजुला उर्फ मंजू नामक नक्सली लीडर ने इस घटना को अपने दरभा मिलिट्री दलम के माध्यम से अंजाम दिया है।
कैसे दिया गया होगा घटना को अंजाम?
किस क्षमता के विस्फोटकों का हुआ होगा इस्तेमाल ?अरनपुर की इस घटना में एक बड़े ट्रक को उड़ाने की क्षमता के लायक बारूद का इस्तेमाल हुआ था , पुलिस सूत्रों के मुताबिक कम से कम 40 किलो विस्फोटकों को 100 से 150 मीटर दूरी से वायर बिछा कर ट्रिगर दबा कर विस्फोट किया गया होगा। इस घटना के 4 -5 दिनों से तैयारी की गई होगी तथा रेकी करके सुरक्षा बलों की आमदरफ्त का जायजा लिया गया होगा। इन दिनों बस्तर में ग्रामीणों द्वारा जगह जगह आमा तिहार मनाया जाता है जिसमें बच्चे और युवा सड़क पर आने जाने वालों से रस्सी से रास्ता रोक कर त्योहार मनाने कुछ रुपये की मांग करते हैं। ऐसा इस इलाके में भी हुआ था जिसके कारण यह वाहन कुछ धीमी गति से चल रहा था और विस्फोट की जद में आ गया ।
घटना के बाद तुरंत इस जगह पहुँचने वालों के मुताबिक आसपास के 100 मीटर के इलाके में वाहन के परख्च्चे , हथियारों और शवों के हिस्से बिखरे हुए थे । गैर सरकारी वाहन के चालक का शव भी विस्फोट से करीब 100 मीटर दूर छिटक गया था। इससे घटना की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।