सीएम हाउस में चल रही है हाई लेबल मीटिंग
सैलजा के अचानक रायपुर आने और मीटिंग लेने के निहितार्थ
क्या-क्या बदलाव संगठन और सरकार में हो सकते हैं ?

रायपुर। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद अब छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में मद्देनजर रणनीति बनानी शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सैलजा की उपस्थिति में रायपुर सीएम निवास में हाईलेवल मीटिंग चल रही हैं. मीटिंग में पीसीसी चीफ, विधानसभा स्पीकर और कुछ मंत्री शामिल हुए हैं।
प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा के अचानक रायपुर पहुंचने पर सियासी हलचलें तेज हो गयी है। कुमारी सैलजा मुख्यमंत्री निवास में बैठक ले रही है। खबर है कि इस बैठक में कुछ बड़ा फैसला हो सकता है। इससे पहले सैलजा ने रायपुर में मंत्रियों के साथ बड़ी बैठक की थी। खबर ये भी है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बदला जाना है, माना जा रहा है कि इस बैठक में इस मसले पर भी चर्चा हो सकती है।
अचानक पहुँचने से चर्चाओं का दौर शुरू –
सैलजा के अचानक यूं रायपुर पहुंचने से चर्चा है कि दिल्ली हाईकमान का कोई अहम संदेश भी हो सकता है। कर्नाटक चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस में बदलाव की चर्चा पहले से ही थी। कुमारी सैलजा के आने की सूचना पहले से नहीं थी, लिहाजा कई मंत्री अपने क्षेत्र में थे, अब वो सीधे रायपुर आ रहे हैं। सैलजा बिना कोई आधिकारिक जानकारी दिए मंगलवार को सीधे रायपुर एयरपोर्ट पहुंचीं। चर्चा है कि सैलजा के साथ इस मीटिंग में प्रदेश के केबिनेट मंत्री भी शामिल हैं। इस मीटिंग में प्रदेश में जारी शराब घोटाला विवाद, ED की कार्रवाई, कांग्रेस नेताओं पर एक्शन , गिरफ्तारियां और संपत्ति कुर्की के कारण बने हालातों पर बात हो सकती है।
सीएम हाउस से निकले गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने
मीडिया से चर्चा करते हुए बैठक को लेकर दी जानकारी कहा..नहीं हुई है अभी बैठक खत्म..अभी भी है बैठक जारी..हालाकि गृह मंत्री ने बैठक यह खुलासा नहीं किया है की बैठक का क्या उद्देश्य है। अचानक बैठक सीएम हाउस में क्यों ली जा रही है .. अचानक कुमारी सैलजा को क्यों आना पड़ा है रायपुर….सवाल तो अभी भी बना हुआ है जस का तस..
क्या इस बैठक में ईडी और सीबीआई, आयकर विभागों के द्वारा निकट भविष्य में कई जाने वाली कार्रवाहियों से सरकार पर पड़ने वाले प्रभावों को ध्यान में रखते हुए रणनीतियां बनाई जा रही है।
वैसे भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्नाटक चुनावों के नतीजों के बाद एक बयान में ये आशंका जताई ही थी कि ईडी के ताबड़तोड़ छापे अब छत्तीसगढ़ में शुरू हो जाएंगे। गिरफ्तार कारोबारियों, अधिकारियों से संबंध रखने वाले राजनैतिक नेताओं में ई डी का ख़ौफ़ तो होना स्वाभाविक ही है। क्या आज की मीटिंग का उद्देश्य भविष्य में होने वाले राजनैतिक समीकरण और चुनावों की तैयारी से भी संबंधित हो सकता है इसके अभी सिर्फ कयास लगाए जा सकते हैं।

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