दंतेवाड़ा किरंदुल के डिपाजिट 13 के संबंध में सांसद दीपक बैज और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविन्द नेताम के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की

मुख्यमंत्री ने वन कटाई पर तत्काल रोक लगाने, अवैध वन कटाई और फर्जी ग्राम सभा की जांच कराने तथा परियोजना से संबंधित कार्यों पर रोक लगाने के दिए निर्देश
क्या फैसला ले सकते हैं मुख्यमंत्री?

रायपुर .दो दिन पहले प्रदेश के दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा स्थित बैलाडिला की पहाड़ पर खनन को लेकर आदिवासियों के आक्रोश को दूर करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के नवनिर्वाचित सांसद दीपक बैज से बातचीत की और धरना स्थल पहुंचकर आंदोलनकारियों से बात करने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस पहल पर सांसद दीपक बैज ने कल बैलाडिला पहुंचकर इस संबंध में आंदोलनकारियों से भेंट की और उनकी मांगों को गंभीरता से सुना और समझा. श्री बैज न केवल आंदोलनकारियों से बातचीत की बल्कि आज 11 जून को वे आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि मण्डल के साथ रायपुर आकर उन्होंने प्रतिनिधिमण्डल के साथ मुख्यमंत्री बघेल से भेंट किया ताकि आदिवासियों की मांगों सहित सभी पहलुओं पर मुख्यमंत्री के समक्ष विचार-विमर्श कर उसका समुचित समाधान निकाला जा सके.
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के ग्राम हिरोली में एन.एम.डी.सी. बैलाडीला लौह अयस्क खान परियोजना दंतेवाड़ा के डिपाजिट 13 के संबंध में आज मंत्रालय में बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद दीपक बैज और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम के नेतृत्व में बस्तर से आए प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान बस्तर के अन्य विधायक भी उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल की बातों को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से सुना और कहा कि इस मामलें में राज्य शासन की जो भूमिका है, उसे निभाया जाएगा. इस अवसर पर राज्य शासन के वन मंत्री मोहम्मद अकबर भी उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिनिधि मंडल के द्वारा की गयी शिकायतों की जांच की जाएगी तथा नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. इस क्षेत्र में अवैध रूप से वनों की कटाई कार्य तत्काल रोका जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित क्षेत्र में परियोजना से संबंधित संचालित कार्यो पर भी रोक लगाई जाएगी. प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि खदान हस्तानांतरण आदि प्रक्रिया में ‘पंचायत स्तर पर विस्तार का कानून अधिनियम 1996 (पेशा)‘ के तहत वर्ष 2014 में कराए गए ग्राम सभा का पालन नहीं किया गया तथा फर्जी रूप से ग्राम सभा आयोजित की गई. मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि फर्जी ग्राम सभा के आरोप की जांच कराई जाएगी.





मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल की मांग पर कहा कि संबंधित विषयों पर भारत सरकार द्वारा पत्राचार किया जाएगा और जनभावना की भी जानकारी दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया की राज्य शासन अपने क्षेत्राधिकार की कार्रवाई करेगा लेकिन खदान पर आधिपत्य एवं स्वामित्व भारत सरकार के एन.एम.डी.सी. का है और उन्हें ही खदान के संबंध में कोई भी निर्णय लेने का अधिकार है.प्रतिनिधि मंडल ने इस क्षेत्र के निवासियों द्वारा एन.एम.डी.सी. तथा सी.एम.डी.सी. द्वारा अडानी इंटरप्राईसेस के माध्यम से माईनिंग कार्य के विरोध की जानकारी दी और यहां के आदिवासियों की जनभावनाओं, स्थितियों और मुद्दों की जानकारी दी. प्रतिनिधि मंडल ने अपने मांगों पर आधारित एक ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को सौंपा. उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रतिनिधि मंडल के बातों पर तत्काल सकारात्मक पहल करने के लिए धन्यवाद भी दिया. प्रतिनिधि मंडल में विधायक मोहन मरकाम, रेखचन्द जैन, विक्रम मंडावी, पूर्व विधायक देवती कर्मा, इंटक के प्रतिनिधि देशमुख सिंग, सर्व आदिवासी समाज के नवल किशोर मंडावी भी उपस्थित थे. इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आर.सी. खेतान, आर.पी. मंडल, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी भी उपस्थित थे.

क्या फैसला ले सकते हैं मुख्यमंत्री ?
क्या उस स्थिति में जब NMDC –CMDC LIMITED ( NCL) कंपनी के डाइरेक्टर बोर्ड में शामिल गौरव द्विवेदी IAS SEC. MRD, CG आज प्रमुख सचिव के पद पर मुख्यमंत्री के साथ संलग्न हो , adani के साथ NCL का अनुबंध 06.12.2018 को हस्ताक्षरित हुआ हो , दूसरे चरण का फारेस्ट डिपार्टमेंट का कम्प्लायेंस रिपोर्ट जमा किया जा चुका हो , CCF द्वारा APCCF रायपुर को 12.02.2019 को रिपोर्ट दी जा चुकी हो, बहुत कुछ नहीं बच जाता . क्योकि प्रदेश के गठन के समय से मजबूत स्थिति में मुख्यमंत्री रमन सिंह से लगातार जुड़े रहे बैजेन्द्र कुमार को जब NMDC का चेयर मेन बनाया गया तभी से ये स्क्रिप्ट लिखी गयी और राज्य में चरणबद्ध तरीके से तेज गति से अडानी को खदाने किसी न किसी बहाने देने की प्रक्रिया अपनाई गयी . बैलाडीला के डिपोजिट 13 की पहाडियों में भले नन्दराज, या अन्य देव बसते हों उनकी पूजा होती हो आज के इस केंद्र सरकार के निजाम के पास सबसे बड़ा रुपैया का निजाम है जिसकी काट करना और अपनी पार्टी की वित्तीय जरूरतों के लिए कारोपोरेट चंदे से बच कर चल पाना मौजूदा राज्य सरकार के लिए संभव दिखाई नहीं देता .
मेटल माईन्स वर्कर यूनियन भिलाई इन्टुक के प्रेस कांफ्रेंस में सारे दस्तावेज के साथ इस षड़यंत्र को 18.03.2019 को ही उजागर कर दिया गया था .
आदिवासियों और जनसंगठनों का अडानी को खदान और पहाड़ दिए जाने का विरोध बेहद महत्वपूर्ण घटना क्रम है . आन्दोलन लगातार 6 दिनों से जारी है सरकार के आश्वासन स्थिति को सम्हालने में शायद सफल हो जाए किन्तु ये असंतोष अब रोकना मुश्किल होगा . सरकारे संविधान और जनता के प्रति अपनी जवाबदेही से भी बच नहीं सकती साथ ही साथ प्राकृतिक संसाधनों की बंदरबांट रोकना भी उन्ही की जिम्मेदारी है .

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