आकाश विजयवर्गीय पिता कैलाश विजयवर्गीय मारपीट और सरकारी कामकाज में बाधा पहुचाने के जुर्म में थाने पहुचाये गए , विधायक द्वारा गुडागर्दी को गंभीरता से लेगा कमलनाथ प्रशासन

इंदौर. पिछले पंद्रह सालों की सत्ता का खुमार टूटने को नहीं आ रहा है , आपराधिक कृत्यों से राजनीति में अपनी पहचान बनाने का खानदानी शगल इन दिनों कुछ ज्यादा ही सर चढ़ कर बोल रहा है . खतरनाक घोषित किये गए जर्जर मकान को तोडऩे आए अफसर से मारपीट के मामले में आखिरकार पुलिस ने भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ सरकारी काम में बाधा, मारपीट और बलवे की धारा में प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है. कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस कोर्ट में पेश करने के लिए ले जा रही है. कुछ मित्रगण और नेता  के  समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं. इधर निगम कर्मचारियों ने भी अपने अधिकारी की पिटाई के विरोध में नगर निगम और थाने में हंगामा करने के साथ काम बंद कर दिया है.

कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश ने नया कुछ नहीं किया. जो हुआ वह पिछले पंद्रह वर्षों में मध्यप्रदेश में  पनपी परम्परा का ही पुष्टिकरण है. हरदा विधायक कमल पटेल के बेटे ने यही किया. विधायक जालिमसिंह पटेल के बेटे ने यही किया. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के बेटे भी यही करते आये हैं. नेता विपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे भी ऐसे ही हैं.

नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह ने कहा कि जिस मकान को तोडऩे की कार्रवाई आज की जा रही थी, उसे लेकर विधायक आकाश विजयवर्गीय का कहना था कि वह जर्जर नहीं है. हमने उनसे दिखवाकर कार्रवाई करने का कहा था. उन्होंने ही मकान के फोटो दिए थे, जो कि जर्जर दिख रहा है. इसलिए तोडऩे के लिए टीम पहुंची थी. निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस के साथ मारपीट के बाद धारा 353 सहित 294 , 323, 506, 147, 148 में प्रकरण दर्ज करा दिया गया है. विधायक ने जो किया वो पूरी तरह से अराजकता फैलाने का प्रयास है. नगर निगम कर्मचारियों ने आज पूर्व नगर निगम आयुक्त मनीष सिंह को भी याद किया. निगमकर्मियों का कहना था कि पूर्व में चांटा कांड के बाद हुई कार्रवाई से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा था.

जोनल अफसर धीरेंद्र बायस और असित  खरे नगर निगम की टीम के साथ जेल रोड के पास गंजी कंपाउंड स्थित एक दो मंजिला खतरनाक मकान तोडऩे पहुंचे थे. इसमें करीब पांच परिवार रह रहे थे, वैसे तो सबने मकान खाली कर दिया था, लेकिन एक किराएदार अफसरों से विवाद करने लगा. इतने में विधायक आकाश विजयवर्गीय और अफसरों से उनका विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ा कि विधायक ने बैट उठा लिया और निगम अफसर धीरेंद्र बायस को दौड़ा-दौड़ाकर पीट दिया. उनके साथ आए कार्यकर्ताओं ने भी अफसर से मारपीट की.हंगामा होते ही क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई.

विधायक पुत्र इन्ही सब कामों की वजह से पार्टी में लंबे अरसे से सक्रिय कर्मठ कार्यकर्ता कहलाते हैं , फिर चुनाव में अपना टिकट पाते हैं. इसमें वंशवाद खोजना पाप है. जो खोजेगा उसे वन्दे मातरम और जय श्रीराम बोलना पड़ेगा, और देशद्रोही कहे जाने के लिए तैयार रहना होगा, हो सकता है कोई पाकिस्तान भेजने का प्रबंध भी कर दे.

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