रायपुर ,04 जुलाई (इंडिया न्यूज रूम). राजधानी में रथयात्रा का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर रायपुर के अलावा प्रदेश के प्रमुख नगरो, कस्बो में भी श्री जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा का आयोजन किया गया , प्रदेश में पडोसी राज्य ओडिसा के इस प्रमुख धार्मिक पर्व को विगत सैकड़ो वर्षों से मनाया जाता रहा है उत्कल संस्कृति छत्तीसगढ़ में इस तरह गुंथी हुई है कि रायगढ़ , बिलासपुर , सरंगगढ़ , महासमुंद, गरियाबंद , कांकेर , कोंडागांव, जगदलपुर और सुदूर सुकमा जिले तक सीमाएं जुडी हुई हैं और भाषा खानपान पहनावे पर ओडिसा का असर बहुत ज्यादा है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में छेरापहरा की रस्म पूरी कर सोने की झाड़ू से बुहारी लगाकर रथ यात्रा की शुरुआत की. मदिर से महाप्रभु जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को पहांडी यात्रा करते हुए रथ तक लाया गया. मुख्यमंत्री बघेल ने महाप्रभु की आरती की.
पुरी की परंपरा के अनुसार मुख्य पुजारी को राजा की मदद से ही रथयात्रा में भागीदारी करनी होती है.
मुख्यमंत्री इसके पहले मंदिर की यज्ञ शाला के अनुष्ठान में शामिल हुए और मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली तथा प्रदेश में अच्छी बारिश की कामना की. इस अवसर पर राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल, विधायक कुलदीप जुनेजा, बृजमोहन अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरी शंकर अग्रवाल , नगर निगम रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे सहित श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
रायपुर पुरानी बस्ती के पुरानी परंपरागत रथयात्रा में भी बड़ी संख्या में भक्त गण शामिल हुए.