रायपुर. । रायपुर के कलेक्टर और 2005 बैच के IAS अधिकारी ओपी चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा डीओपीटी को भेजा है। माना जा रहा है कि वे प्रशासनिक सेवा से राजनीति में किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं। उनके बीजेपी में प्रवेश और खरसिया से विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही है।
चर्चा है कि वे रायगढ़ के खरसिया सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। चौधरी रायगढ़ जिले के रहने वाले हैं और वे अघरिया समाज से ताल्लुक रखते हैं। खरसिया सीट में इस समाज के लोगों का अच्छा प्रभाव है। ऐसे में चौधरी को उतारकर बीजेपी बड़ा राजनीतिक दांव खेलने की तैयारी में है। यहां से स्व. नंदकुमार पटेल के पुत्र उमेश पटेल विधायक हैं। खरसिया सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। यहां से बीजेपी को सफलता नहीं हैं। लिहाजा वे चौधरी को उतारकर कांग्रेसे के इस अभेद्य किले को भेदना चाहती है। चौधरी स्थानीय होने के साथ युवा आइकॉन के रुप में भी लोकप्रिय हैं. बताया जाता है की प्रशासनिक के साथ साथ सोशल मीडिया और युवाओं की विभिन्न गतिविधियों में सक्रीय रहे ओमप्रकाश छत्तीसगढ़िया जांजगीर निवासी पहचान को ले कर जनमानस में पर्याप्त लोकप्रिय अधिकारी मने जाते हैं , उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से ओपी चौधरी के नौकरी छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने की चर्चा चल रही थी. हालांकि ओपी चौधरी इस मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन उनके करीबी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि उन्होंने इस्तीफा सौंप दिया है. साल 2005 बैच के आईएएस चौधरी फिलहाल रायपुर के कलेक्टर हैं। इसके पहले वे दंतेवाड़ा में कलेक्टर रह चुके हैं. पिछले चुनाव के समय वे जनसंपर्क विभाग में रहे हैं. इसके बाद से वे सीएम डॉ रमन सिंह के करीबी और पसंदीदा अफसरों के रुप में गिने जाते रहे हैं.
छत्तीसगढ़ बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी के लिए बड़ा दांव खेला है.

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