नई दिल्ली: 07.09.19 (एजेंसिया) चंद्रमा की सतह को छूने से चंद मिनट पहले लैंडर ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के बाद इसरो के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में सुरक्षित है. अधिकारी ने एजेंसी से कहा, ‘‘ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में पूरी तरह ठीक एवं सुरक्षित है और सामान्य तरीके से काम कर रहा है.’’ 2379 किलोग्राम ऑर्बिटर के मिशन का जीवन काल एक साल है. उल्लेखनीय है कि 3,840 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को जीएसएलवी एमके-3 एम1 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया था. चंद्रयान-2 ने धरती की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की तरफ अपनी यात्रा 14 अगस्त को इसरो द्वारा ‘ट्रांस लूनर इन्सर्शन’ नाम की प्रक्रिया को अंजाम दिये जाने के बाद शुरू की थी. यह प्रक्रिया अंतरिक्ष यान को ‘लूनर ट्रांसफर ट्रेजेक्ट्री’ में पहुंचाने के लिये अपनाई गई. अंतरिक्ष यान 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया था. चंद्रयान-2 के ‘ऑर्बिटर’ में चंद्रमा की सतह का मानचित्रण करने और पृथ्वी के इकलौते उपग्रह के बाह्य परिमंडल का अध्ययन करने के लिए आठ वैज्ञानिक उपकरण हैं. इसरो ने दो सितंबर को ऑर्बिटर से लैंडर को अलग करने में सफलता पाई थी, लेकिन शनिवार तड़के विक्रम का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था. इसरो ने कहा है कि वह आंकड़ों का विश्लेषण कर रहा है.
बंगलुरु में इसरो केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी का ढाढ़स बंधाना
चंद्रयान-2 से आर्बिटर और रोवर के संपर्क टूटने के बाद भी इसरो के वैज्ञानिकों के परिश्रम की सर्वत्र सराहना हो रही है. बंगलुरु में इसरो में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर वैज्ञानिकों को उत्साहित किया. जिसके वीडियो की सराहना हो रही है , तमिलनाडु के किसान पुत्र इसरो के मुखिया सिवन के साथ सारे देश की एकजुटता को महसूस किया जा सकता है .
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी वैज्ञानिकों को इस अभियान के लिए बधाई दी.
महाभारत का प्रसंग छेड़ते हुए भूपेश बघेल ने दी इसरो वैज्ञानिकों को बधाई…
इधर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने एक अनोखे ढंग से वैज्ञानिकों की पीठ थपथपाई है. हो सकता है कि चक्रव्यूह का सातवाँ चरण भेदने में थोड़ा विलम्ब हो जाए लेकिन 6 चरणों को भेदकर विश्व भर में अपना इतिहास गढ़ना ही किसी को ‘अभिमन्यु’ बनाता है. ISRO ने विश्व को संदेश दे दिया है कि 21 वीं सदी भारत की ही होने वाली है. सभी के कठिन परिश्रम और लगन को मेरा सलाम. #ISRO
दुखी न हों मिशन चंद्रयान पूरी तरह से फेल नहीं : उम्मीद अब भी कायम, सिर्फ 5 फीसदी का हुआ है नुकसान