कोरबा . 5 अक्तूबर 2019( सचिन के. ) हमारे बचपन में नानी-दादी नाग और इंसान के जोड़ी की कहानियां अक्सर सुनाया करती थी. फिल्मों में भी ऐसी काल्पनिक दृश्य देखते आ रहे है. लेकिन वे कहानियां व दृश्य केवल मन बहलाने के लिए है और असल जिंदगी से इसका कोई वास्ता नहीं है. आज समय इतना आधुनिक हो चला है कि हम इंसानों की पहुंच चांद तक हो गई है. लेकिन यह सुनकर जरुर आश्चर्य होगा कि एक 14 साल की नाबालिग लड़की शेषनाग की दुल्हन बनी बैठी है. जिसे देवी स्वरूप मानकर ग्रामीणों का तांता उसके घर पर बढ़ता ही जा रहा है और जमकर चढ़ावा के साथ पूजा-अर्चना भी हो रही है.
हम बात कर रहे हैं जिले के कोरबा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सतरेंगा के आश्रित ग्राम कोरई की जहां से छनकर आ रही खबर के मुताबिक महज एक 14 साल की नाबालिग लड़की जिसका कहना है कि प्रत्येक शनिवार को उसके सपने में शेषनाग देवता आता है. बीते शनिवार को भी पुनः सपने में शेषनाग देवता आया था और मांग में सिंदूर भरकर यह कहकर चला गया कि वह फिर से शनिवार के ही दिन बारात लेकर आयेगा और दुल्हन बने बैठी लड़की को अपने साथ ले जाएगा. वहीं लड़की के पिता का कहना है कि उसकी बेटी के माथे पर जो सिंदूर लगा है उसे पोछने या मिटाने पर नहीं मिट रहा है.
अब लड़की और उसके परिजन जिस प्रकार जनमानस में उक्त अंधविश्वास को फैलाने में लगे है और जिस प्रकार यह खबर जंगल में आग की तरह फैलती जा रही है. उससे ग्राम एवं आसपास इलाके के ग्रामीणों की भीड़ नाबालिग लड़की के घर में देखने को मिल रही है. जहां अंधभक्त रेलमपेल तरीके से नारियल, अगरबत्ती, रुपया-पैसा सहित अन्य चढ़ावा की वस्तुएं हाथों में लिए देवी स्वरूप बने बैठी नाबालिग लड़की के दर्शन को आतुर है। कई ग्रामीणजन तो अपनी मन्नतें लेकर सोने-चांदी के आभूषण भी देवी के दरबार में चढ़ा रहे हैं.
आस्था के नाम पर आसपास ग्राम के लोगों की भीड़ जिस प्रकार वनांचल ग्राम कोरई की ओर बड़ी संख्या में बढ़ने लगी है. इस घटना ने परस्पर सोचने पर विवश कर दिया है कि आज के जागरूक जमाने में भी लोग अंधविश्वास को फ़ौरन मान लेते है. लड़की और उसके माता-पिता क्यों ऐसा अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे है. कहीं मनगढ़त कहानी रच ढोंग का सहारा लेकर लोगों को आकर्षित करके चढ़ावा बटोरने की मंशा तो नहीं ? फिलहाल यह मामला प्रशासन के संज्ञान में अभी तक नहीं आया है.