विज्ञान के सरल प्रयोगों, ज्ञानवर्धक मनोरंजक सिलसिलों की शुरुआत हुई भीरागांव में

नक्षत्र दर्शन के लिए इकट्ठे सैकड़ों बच्चों , शिक्षकों और ग्रामीण जनता ने बाल विज्ञान मेला भीरागांव, भानुप्रतापपुर, कांकेर जिले में बृहस्पति और उसके 4 चंद्रमाओं, शनि के वलय, चंद्रमा के गड्ढे और आकाश गंगा का जीवंत दर्शन किया. शाम 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक इस बीहड़ दूरस्थ क्षेत्र में पहली बार आधुनिक टेलिस्कोप के माध्यम से नक्षत्र दर्शन का ये कार्यक्रम हुआ.


छत्तीसगढ विज्ञान सभा द्वारा विज्ञान प्रसार भारत सरकार के सहयोग से आयोजित इस बाल विज्ञान मेले की शुरुआत सुबह 10 बजे से हुई थी, जिसमें भानुप्रतापपुर से आये अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अमोलक सिंह ढिल्लो के मुख्यअतिथि, छत्तीसगढ विज्ञान सभा रायपुर राज्य सचिव पी सी रथ, विज्ञान सभा कांकेर जिला सचिव अनुपम जोफर, वरिष्ठ वैज्ञानिक जन विज्ञान केंद्र, लाला राम सिन्हा श्रीमती इंद्रा आन्दे अध्यक्ष शाला विकास समिति, वरिष्ठ नागरिक श्रीमती जमीला खान श्री खान , कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य एन एस गावरे, सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र कुमार सोनवानी , विज्ञान सभा दुर्ग से आये रिसोर्स पर्सन हेमेश देशमुख ,संस्था तथा आसपास से आये शिक्षको का समूह उपस्थित था.

कांकेर जिले के दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र भानुप्रतापपुर विकासखंड के रावघाट की पर्वतीय सीमा से लगे क्षेत्र के शासकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय भीरागांव में 03 से 04 अक्टूबर 2019 तक ये बाल विज्ञान मेला आयोजित है.
विगत एक माह से इसकी तैयारियां चल रही थी. उत्साही शिक्षक निरंकार श्रीवास्तव , पुरुषोत्तम दास साहू , मनोज चौहान, श्री हुपेंडी, काकेर के सतीश चन्द्र प्रसाद , लखन साहू,
तथा बालोद कन्या उ मा वि के विज्ञान व्याख्याता तथा अटल टिकरिंग लेब प्रभारी बी एन योगी , व्याख्याता राजेन्द्र कुमार वर्मा , जन विज्ञान केंद्र मुडपार कांकेर के वैज्ञानिक लाला राम सिन्हा शामिल थे. बच्चों को विज्ञान की परिभाषा बताते हुए अमोलक सिंह ने जो हम देखते , महसूस करते है और जिसका प्रमाण हम दर्ज कर सकते हैं वहां से विज्ञान की शुरुआत होती है, उन्होंने बच्चों से विज्ञान मेले का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील की. पी सी रथ ने कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी तथा दोनों दिनों में कई जाने वाले गतिविधियों की जानकारी दी.
उद्घाटन सत्र को इंद्रा आदे, महेंद्र सोनवानी ने संबोधित किया.
लगभग 800 छात्र छात्राओं की दर्ज संख्या वाले स्कूल में 250 विद्यार्थियों को विज्ञान मेले में पंजीकृत किया गया तथा अन्य विद्यार्थियों को विविध ज्ञानवर्धक विज्ञान गतिविधियों में प्रायोगिक कार्य कराए गए.

विभिन्न वैज्ञानिकों आर्यभट्ट, सर    सी वी रमन, सत्येंद्र नाथ बोस  होमी      जहांगीर      भाभा , सतीश    धवन , आइंस्टीन, , आइजक   न्यूटन , गैलीलियो गैलिली  9 ग्रुप बना कर पहले दिन की गतिविधियों की शुरुआत की गई. जीवन का जाल आहार श्रृंखला, लेज़र टार्च से प्रकाश अपवर्तन, परावर्तन, पाचनतंत्र का चित्रण और व्याख्या, स्टोमेटा वासपोत्सर्जन, लीफ प्रिंटिंग, ट्रंक प्रिंटिंग की गतिविधियां की गई.
शाम को अत्याधुनिक टेलिस्कोप से नक्षत्र दर्शन का लाभ आस पास के ग्रामीणों ने भी उठाया.

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