रायपुर, 14 नवंबर 2019 , नेहरू जी के जन्मदिवस पर राजीव भवन, शंकरनग र , रायपुर में आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने अंदाज में नेहरू जी को याद करने के साथ साथ उनके वर्षों जेल में रहने, सर्व समावेशी संगठनकर्ता के रूप में विपरीत विचारधारा के बाद भी श्यामा प्रसाद मुखर्जी , बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर जैसों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करने , भगत सिंह के लिए अपने पिता पण्डित मोतीलाल नेहरू से लड़ लेने के जज्बे का जिक्र किया. धान खरीदी में रोड़े अटका देने वाली मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने इसके बावजूद किसानों को 2500रू धान की कीमत देने का वादा किया. कार्यक्रम को प्रारंभ में कृषि मंत्री रविन्द्र चोबे ने संबोधित किया. मुख्य वक्ता पीयूष बबेले ने विस्तृत विवरण देते हुए बताया कि किस तरह आज नेहरू युगीन मान्यताओं को खत्म किया जा रहा है. बंगाल के अकाल और विभाजन की त्रास दी के बाद देश में कृषि विकास की चुनौतियों को नेहरू ने किसानों के साथ मिलकर स्वीकार किया और देश में विशाल परियोजनाओं की शुरुआत की, 1955आते आते देश में सिंचित भूमि का रकबा अमरीका के तत्कालीन कुल कृषि उपयोग भूमि से ज्यादा कर लिया था.
नेहरू जी के जीवनकाल में भी उनसे संबंधित कई कहानियां प्रचलित थी जिसका उनको ज्ञान भी था, वे जितने समर्पित देश के प्रति थी उतने ही उदार भी थे, साम्प्रदायिकता के खिलाफ उनके कड़े फैसलों से देश में मौजूद कट्टरपंथियों ने आज तक उनके खिलाफ विष फैलाने की मुहिम चला रखा है.