बिना आन्दोलन वेतन ही नहीं मिलता, सफाई सुरक्षा मेंटेनेंस का काम, फिर 82 दिनों से वेतन नहीं

रायपुर 22 नवम्बर2019 ( इंडिया न्यूज रूम) मंत्रालय में काम करने वाले तकनिकी और गैर तकनिकी मजदूरों लम्बे समय से वेतन नहीं मिलने की वजह से परेशान हो कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए है. आज हड़ताल का दूसरा दिन था, आज भी मजदूरों की किसी अधिकारी ने सुध नहीं ली. पुराने बकाया वेतन के लिए अधिकारी और ठेकेदार के लगातार चक्कर के काट कर मजदूर परेशान हो गए है, साल भर से हर महीने पेमेंट में विलंब होता है, कई महीनों का पैसा बकाया है. कई बार इसकी शिकायत अधिकारियों से कर चुके बावजूद इसके इस मसले को लेकर अधिकारी गंभीर नजर नहीं आते. मजदूरों का कहना है कि जब भवन से सारे काम संचालित होते है तो भवन की साफसफाई सुरक्षा, प्रबंधन के लिए तो राशि नियत होगी ही, क्या कारण है की मंत्रालय कर्मचारियों अधिकारियों को तो समय पर वेतन और सुविधाएँ मिल जाती है लेकिन आठ – दस हजार के न्यूनतम वेतन के लिए ठेका कर्मचारियों को हमेशा तरसाया जाता है.
प्रदर्शन पर बैठे मजदूर, कर्मचारियों ने बताया कि हम गरीब लोगों को समय पर भुगतान नहीं होगा तो गुजारा कैसे होगा, घर का चूल्हा कैसे जलेगा. अधिकारियों के अड़ियल रवैये को देखते हुए इस बार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. मजदूरों ने कहा कि जब तक हमारी माँगे पूरी नहीं की जाएगी और समय के वेतन भुगतान का वादा नहीं किया जाएगा हड़ताल खत्म नहीं करेंगे.
इस मामले पर तकनीकी और गैर तकनीकी मजदुर संघ के अध्यक्ष नरेश कुमार साहू ने कहा कि जिस भवन से छग राज्य के कानून, और नीतियों का संचालन होता है, वहा काम करने वाले मजदूर साथियों का अक्टूबर माह से वेतन भुगतान नहीं हुआ है. हम दो दिन से हड़ताल पर हैं फिर भी किसी अधिकारी द्वारा हमारी सुध नहीं ली गई. यह घोर निंदनीय है. हमारी मांग जब तक पूरी नहीं होती तब तक हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.
आंदोलनरत मजदूरों का कहना है, प्रदेश में श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन आम है, श्रमिकों की जरुरी शिकायत सुनने श्रम न्यायालयों में जज भी नहीं हैं और कानून का मखौल उड़ाया जा रहा है, ठेका कंपनी और प्रशासन के बीच पिस रहे हैं, बेबस मजदूरों को अगर क्रोध आ गया तो किसी भी प्रकार की अनिष्ट की घटना के लिए आखिर कौन जवाबदेह होगा. बिना तनख्वाह के घर में चूल्हा जलना मुश्किल हो रहा है. वैसे भी वेतन बहुत कम है वो भी अगर समय पर नहीं मिलेगा तो मजदूर और उनका परिवार आखिर जिन्दा कैसे रहेगा.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here