मुंबई, नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता तथा प्रसिद्ध सामजिक कार्यकर्त्ता मेधा पाटकर को मुंबई के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने लंबित मामलों के बारे में जानकारी छुपाने को लेकर नोटिस जारी किया है. सामाजिक कार्यकर्ता पाटकर से कार्यालय ने पूछा है कि उनका पासपोर्ट क्यों न जब्त कर लिया जाए. मुंबई के पासपोर्ट कार्यालय ने कहा है कि उनके खिलाफ 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं और इन्हें लेकर अभी कोई फैसला नहीं आया है. पाटकर के खिलाफ मध्य प्रदेश के बडवानी में 3, अलीराजपुर में एक और खंडवा जिले में 5 मामले दर्ज हैं. गौरतलब हो कि इस साल जून में एक पत्रकार ने पाटकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि उन्होंने मुंबई के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से जानकारी छुपाकर पासपोर्ट हासिल किया है.
18 अक्टूबर को जारी नोटिस में पासपोर्ट कार्यालय ने कहा है कि 30 मार्च 2017 को पासपोर्ट प्राप्त करते हुए आपने उक्त मामलों के लंबित होने के बारे में जानकारी नहीं दी थी और जानकारी को छुपा कर आपने पासपोर्ट हासिल किया. नोटिस में कहा गया है कि इसे देखते हुए प्रस्तावित किया जाता है कि पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 10 (3) (ई) के तहत आपका यह पासपोर्ट तथा बाद में अगर कोई पासपोर्ट जारी किया गया है उसे जब्त कर लिया जाए. आपसे अनुरोध किया जाता है कि आप बताएं कि पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12 (1) के तहत आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए ? पासपोर्ट अधिकारियों ने नोटिस जारी होने के 10 दिन के भीतर जवाब मांगा है और ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि पाटकर ने आज की तारीख तक कोई जवाब नहीं दिया है, जबकि उत्तर देने की समय-सीमा को खत्म हुए एक महीने से ज्यादा हो चुका है.
नियम क्या है – अधिनियम की धारा 12 के तहत जो कोई भी पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए जान-बूझकर झूठी जानकारी देता है या सूचना छुपाता है उसे 2 साल तक की कैद या पांच हजार रुपये का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है.

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