नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में रायपुर में पदयात्रा

रायपुर . राजधानी रायपुर में नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर शहर के बुद्धिजीवी द्वारा मंथन सभागार रायपुर में विचार विमर्श हेतु संगोष्ठी आयोजित की गई थी, जिसमें देश में लोकतंत्र धर्मनिरपेक्षता एवं संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने की वकालत की गई. बैठक में उपस्थित सभी वर्गों के प्रतिनिधि द्वारा एक स्वर में नागरिकता संशोधन बिल को संविधान पर हमला एवं लोकतंत्र का काला दिन बताया गया. बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक विरोधी मंच छत्तीसगढ़ का गठन किया गया.
यह उल्लेखनीय है कि संसद में कल नागरिकता बिल पेश किया गया था , जिसका विरोध रायपुर शहर में बुद्धिजीवियों एवं मेहनतकशों ने अपना विरोध दर्ज किया तथा इस विधेयक के विरोध में कल 10 दिसंबर मानव अधिकार दिवस के अवसर पर बूढ़ा तालाब धरना स्थल से 3:30 बजे आजाद चौक गांधी मूर्ति तक पदयात्रा कर विरोध प्रदर्शित किया गया.
प्रदर्शन में सभी लोकतंत्र प्रेमी , शांति प्रेमी एवं धर्मनिरपेक्ष ताकतों के संगठन उपस्थित थे. नागरिकता संशोधन बिल के विरोध स्वरूप सभी वर्गों को जागरूक करने हेतु अभियान चलाने की रणनीति तैयार की गई साथ ही नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में एक संयुक्त फोरम का गठन किया गया. प्रदर्शन में प्रमुख रूप से डॉ राकेश गुप्ता, उमा प्रकाश ओझा, डॉक्टर विक्रम सिंघल, गौतम बंदोपाध्याय, पी सी रथ , निसार अली , रंगकर्मी शेखर नाग , विनय शील,संजय पराते, अखिलेश एड्गर , अधीर भगवानी, जीवेश प्रभाकर, रियाज भाई, डाः सकेंत ठाकुर, आदि उपस्थित रहे.

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