रायपुर:- छत्तीसगढ़ किसान सभा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा का विरोध करते हुए अमेरिकी कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शनों की घोषणा की है। उसने आरोप लगाया है कि ट्रम्प के इस दौरे का असली मकसद कृषि, डेयरी और पोल्ट्री से जुड़े सवा लाख करोड़ रुपयों के व्यापार पर कब्जा जमाना है, जिसके कारण इस क्षेत्र से जुड़े 15 करोड़ किसान परिवारों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा। आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने अमेरिका के साथ भारत के होने वाले समझौते को आरसेप समझौते से भी ज्यादा खतरनाक करार दिया है और मांग की है कि कृषि, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों से जुड़े किसानों के व्यापक हित में इन समझौतों पर भारत सरकार हस्ताक्षर न करें।

किसान सभा नेताओं ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में व्यापार समझौते के कारण कृषि उत्पादों पर व्यापार शुल्क 10% से भी कम कर दिया जाएगा और भारतीय बाजार आयातित फलों सेब, ब्लू बेरी, चेरी, अखरोट, बादाम, सोयाबीन, गेहूं, मक्का, धान आदि फसलों से पट जाएगी। इसी प्रकार, डेयरी उत्पादों पर आयात शुल्क मौजूदा 64% से घटाकर 10% से भी कम कर दिया जाना प्रस्तावित है। इससे दूध व दुग्ध उत्पादों, मुर्गे की टांग और तुर्की मुर्गियों की घरेलू बाजार में कीमतें गिर जाएंगी।उन्होंने कहा कि इन प्रतिगामी व्यापार समझौतों का लघु व सीमांत किसानों और खेतमज़दूरों की आजीविका पर विनाशकारी असर पड़ेगा, क्योंकि वे भश्री सब्सिडी प्राप्त विदेशी वस्तुओं के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते और देश मे वर्तमान में छाई आर्थिक मंदी से वे पहले ही परेशान हैं।पराते ने बताया कि जिन राज्यों में अमेरिकी कार्यालय हैं, वहां अन्य संगठनों के साथ मिलकर किसान सभा 24-25 फरवरी को विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी।

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