कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नई मुंबई , वाशी कार्यालय के असिस्टेंट पीएफ कमिश्नर ने दिया नोटिस
ई पी एफ की नोटिस से प्रबंधन में मचा हड़कंप
मुम्बई से खबर आ रही है कि यहां इम्पलाई प्रोविडेंट फंड मामले में दैनिक नवभारत मुंबई के कर्मचारियों की पहली जीत हुई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नई मुंबई स्थित वाशी कार्यालय के असिस्टेंट पीएफ कमिश्नर ने आदेश जारी कर मुंबई नवभारत प्रबंधन को 15 दिनों के भीतर अप्रैल 2017 से जून 2017 तक 3 माह का 20 लाख 1373 रुपए कर्मचारियों का पीएफ रकम जमा करने का आदेश जारी किया है । इस आदेश से नवभारत अखबार प्रबंधन में हड़कंप का माहौल है।
इस आदेश की खबर से छत्तीसगढ़ के मिडिया कर्मियों में भी उत्साह की लहर है बताया जाता है की छत्तीसगढ़ के सभी बड़े अखबारों में कर्मचारियों को इसी तरह से विगत 10 से 15 वर्षों से पी एफ कम राशि पर दिया जा रहा है , यहाँ के कर्मचारी संगठनो ने इस आदेश के अनुसार कर्मचारी भविष्यनिधि कार्यालय में पूछताछ शुरू कर क़ानूनी कार्यवाही का मन बना लिया है .

मीडिया कर्मियों के लिए ईपीएफ स्कीम 1952 के पैरा 80 धारा 2 के तहत प्रावधान है कि मीडिया कर्मियों का डिडक्शन विदाउट सीलिंग किया जाए
बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र मीडिया इंप्लाइज यूनियन ने जून 2017 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नई मुंबई स्थित वाशी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि नवभारत प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों का सिर्फ बेसिक पर पीएफ की कटौती की जाती है वह भी रुपये 15000.00 की सीलिंग लगाकर । इस 14 माह के दौरान 11 बार सुनवाई की डेट पड़ी , जिसके बाद असिस्टेंट पीएफ कमिश्नर ने शिकायत को सही पाया और प्रबंधन द्वारा मुहैया कराए गए डॉक्यूमेंट के आधार पर यह आदेश जारी किया। आदेश के साथ असिस्टेंट पीएफ कमिश्नर ने एक्सप्रेस पब्लिकेशन मदुराई वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य के सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला दिया है जो 2004 का है जिसके आधार पर असिस्टेंट पीएफ कमिश्नर ने कहा है कि नवभारत प्रबंधन को एचआरए और ओवरटाइम छोड़कर बाकी का जो ग्रास होता है उसके आधार पर 12% की दर से पीएफ की रकम डिडक्शन करना होगा असिस्टेंट पीएफ कमिश्नर ने अपने आदेश में मद्रास हाईकोर्ट ,मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच, गुजरात हाईकोर्ट के अलावा कई अन्य अदालतों के फैसलों का उल्लेख किया है ।उन्होंने एंप्लोई प्रोविडेंट फंड एंड मिसलेनियस प्रोविजन एक्ट 1952 का हवाला देते हुए अपने आदेश में कहा है कि मीडिया कर्मियों के लिए ईपीएफ स्कीम 1952 के पैरा 80 धारा 2 के तहत प्रावधान है कि मीडिया कर्मियों का डिडक्शन विदाउट सीलिंग किया जाए ।हालांकि इंफोर्समेंट ऑफिसर की जांच पड़ताल में नवभारत प्रबंधन ने पूरे कागजात देने में देर लगाई जिससे फैसले में देरी हुई ।शिकायत के 14 माह बाद आदेश जारी हुआ लेकिन देर आए दुरुस्त आए , आगे की एरियस की गणना 2006 से 2018 तक का जारी है । नवभारत प्रबंधन को 2006 से लेकर अब तक ब्याज सहित पी एफ का कितना एरियर भुगतान करना होगा , संभवतः कुछ समय बाद उस पर भी फैसला आएगा ।बताते हैं कि इस ऑर्डर के जारी होने के बाद नवभारत मालिक और प्रबंधन में हड़कंप मच गया है।इस बारे में ये भी खबर है कि कंपनी प्रबंधन पुनर्विचार का आवेदन लगाने वाली है।

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