कोर्ट ने माना कि मजीठिया वेज बोर्ड मांगने के कारण कर्मचारियों को प्रबंधन ने निकाला था

भोपाल . सेवा समाप्ति को अवैध और अनुचित माना। कोर्ट ने सेवा बहाली का अवार्ड पारित किया है। कोर्ट ने माना कि मजीठिया वेज बोर्ड मांगने के कारण कर्मचारियों को प्रबंधन ने निकाला

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में मीडिया कर्मचारियों को लेबर कोर्ट से मिला न्याय। कोर्ट ने दैनिक भास्कर होशंगाबाद के पांच कर्मचारियों की सेवा समाप्ति को अवैध और अनुचित माना। कोर्ट ने सेवा बहाली का अवार्ड पारित किया है। कोर्ट ने माना कि मजीठिया वेज बोर्ड मांगने के कारण कर्मचारियों को प्रबंधन ने निकाला।

होशंगाबाद के इन 5 मीडियाकर्मियों ने साल 2015 से चली आ रही लंबी कानूनी और न्यायिक संघर्ष के बाद जीत हासिल की है। इन पांच मीडियाकर्मियों के नाम हैं- हरिओम शिवहरे, केशव दुबे, अजय गोस्वामी, अजय लोखंडे, प्रकाश मालवीय। मैनेजमेंट के तमाम प्रलोभन भी इन पांचों के मजबूत इरादों को डिगा नहीं पाए। कर्मचारियों की ओर से कोर्ट में श्रमिक मामलों के जाने माने वरिष्ठ अधिवक्ता श्री जीके छिब्बर और उनके सहयोगी श्री महेश शर्मा की दलीलों के आगे मैनेजमेंट टिक नहीं पाया और झूठ बेनकाब हो गया। एक बार साबित हुआ है कि जो लड़ेगा वही जीतेगा।

होशंगाबाद श्रम न्यायायलय ने अवैध सेवा समाप्ति के प्रकरण में सुनवाई के बाद 31 अगस्त 2018 दिन शुक्रवार को ऐतिहासिक आदेश पारित किया। आदेश में कोर्ट ने माना है कि दैनिक भास्कर ने मजीठिया वेज बोर्ड मांगने के कारण कर्मचारियों की सेवा समाप्ति की है, इसलिये इन्हें पुनः सेवा में बहाल किया जाता है।

देश भर में 11 नवम्बर 2011 से लागू मजीठिया वेज बोर्ड को ले कर कर्मचारियों की लड़ाई अब परिणाम तक पहुंच रही है , मिडिया के प्रभाव का दुरुपयोग करने की तमाम शिकायतों के बीच अब विभिन्न अदालतों से लगातार पत्रकारों कर्मचारियों की इसी तरह की जीत की खबरे आने लगी हैं .

 

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