रायपुर। मानव सेवा में चिकित्सा सेवा का सर्वोपरि स्थान है लेकिन डॉक्टर ही जब सेवा के बहाने बीमार मरीज से शारीरिक छेड़छाड़ कर अवैध संबंध स्थापित करें तो इससे ज्यादा शर्मनार और कुछ नहीं हो सकता। जन मान्यता के अनुसार डॉ. को पृथ्वी में दूसरे भगवान का दर्जा दिया गया है किंतु दूसरा भगवान घृणित हरकतें करके अपने पेशे को बदनाम कर रहा है। आरंग थाने से मिली जानकारी के अनुसार 19 वर्षीया पीडि़ता डॉ. मुन्नालाल तारक 44 वर्ष पिता स्व. एसआर तारक निवासी डीडी आरंग के क्लिनिक में तबीयत खराब होने के कारण अपना इलाज कराने पहुंची थी।
प्रार्थिया के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आरोपी डॉ. तारक ने चेकअप के बहाने उसके नाजुक अंगों के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। मना करने पर आरोपी ने उसे पीने की दवाई दी। जिसे पीने के बाद वह क्लिनिक में बेहोश हो गई। बेहोशी की अवस्था में ही आरोपी ने अपनी मरीजा के साथ शारीरिक संबंध स्थापित किया जिसके चलते उसे दो माह का गर्भ ठहर गया। उक्त वारदात पर तत्काल संज्ञान लेते हुए आरंग थाने ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।