कोरबा। जिला पुलिस बल में आरक्षक बतौर कार्यरत युवक ने वन विभाग के अधिकारियों से करीबी जान-पहचान होने का झांसा देकर 14 लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर ठगा। 3 साल पहले ठगी के बाद आरोपी फरार हो गया। फरारी के दौरान उसने स्थानीय से लेकर हाईकोर्ट तक अग्रिम जमानत की याचिकाएं दाखिल की किंतु कहीं से भी राहत नहीं मिली और अंतत: थक-हारकर आज मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर आत्म समर्पण कर दिया। रामपुर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल दाखिल करा दिया है।

रामपुर पुलिस चौकी प्रभारी एसआई राजेश चंद्रवंशी ने बताया कि प्रार्थी सत्यप्रकाश देवांगन पिता छबिलाल देवांगन निवासी आदर्श नगर पोड़ीबहार व अन्य के द्वारा आरोपी एल गोविंदा राव के विरूद्ध फॉरेस्ट व अन्य विभाग में नौकरी लगाने का झांसा देकर लोगों से रकम लेकर धोखाधड़ी कर फरार होने के संबंध में एक आवेदन प्रस्तुत किया गया था। आवेदन पर 26 अप्रैल 2017 को आरोपी एल. गोविंदा राव पिता एल नीला राव 33 वर्ष निवासी रामपुर बस्ती के विरूद्ध अपराध क्र. 270/17 अंतर्गत धारा 420 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर विवेचना की जा रही थी। आरोपी एल गोविंदा राव पुलिस विभाग में आरक्षक 920 (डाक रनर) के पद पर रक्षित केन्द्र में तैनात था।

विवेचना के दौरान पाया गया कि आरोपी अपना परिचय फॉरेस्ट विभाग के बड़े अधिकारियों होने का झांसा देकर उस समय चल रही फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती प्रक्रिया के दौरान नौकरी लगाने के नाम पर 14 लोगों से 22 लाख 10 हजार रुपए की धोखाधड़ी कर फरार हो गया। दूसरी तरफ आरोपी की मां की सूचना पर 18 अप्रैल 2017 को गोविंदा राव के गुमने के संबंध में गुम इंसान क्र. 43/17 रामपुर चौकी में दर्ज कर पतासाजी की जा रही थी। आरोपी के द्वारा आज सीजेएम कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया गया जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल कराने की कार्यवाही की गई। गिरफ्तारी के बाद अब आरक्षक राव को सेवा से बर्खास्त करने की कार्यवाही जल्द ही की जाएगी।

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