कहते हैं बचपन में जो आदत डल जाए वह जीवनभर साथ रहती है। तो क्यों न बच्चे में छोटी उम्र से ही पैसों को बचाने का गुण भी डाला जाए। यह अगर वह अच्छे से सीख जाए तो यकीन मानिए बड़े होने पर उसे कम से कम मनी मैनेजमेंट को लेकर कोई दिक्कत नहीं जाएगी क्योंकि उसे बचत के साथ ही सही जगह खर्च करने के बीच का फर्क पता होगा। तो चलिए जानते हैं कि बच्चे में कैसे ये गुण डाले जा सकते हैं।
पिगी बैंक से करें शुरुआत
बच्चे को पिगी बैंक लाकर दें और उन्हें बताएं कि इसमें जो भी पैसे डलेंगे वह उनके ही होंगे। हर महीने उन्हें पॉकेट मनी दें और उसमें से कुछ अमाउंट पिगी बैंक में डलवाएं। धीरे-धीरे इसे भरता देख बच्चा न सिर्फ खुश होगा बल्कि खेल-खेल में ही बचत का गुण सीख जाएगा।
सेविंग इंट्रेस्ट
बैंक भी सेविंग पर इंट्रेस्ट देते हैं, ऐसे में अगर पिगी बैंक में सेव मनी पर आप अपनी ओर से छोटा सा भी इंट्रेस्ट दे दें तो बच्चे के लिए तो यह बहुत बड़ी बात हो जाएगी। यह उसे मनी सेव करने के लिए और भी ज्यादा प्रोत्साहित करेगा।
शॉपिंग के दौरान
शॉपिंग के लिए जब लिस्ट बनाते हैं तो उसके लिए एक बजट भी तय किया जाता है। ऐसा ही बजट बच्चे के लिए सेट करें। उन्हें बताएं कि वह कितने रुपये उस दिन खर्च कर सकते हैं। दरअसल, शॉपिंग पर जाने पर अक्सर बच्चे का मन मचल जाता है और वह कई चीजों को लेने की जिद करने लगता है। इस स्थिति में अगर उसे पता होगा कि उसके पास कितना अमाउंड है खर्च करने के लिए तो वह अपनी प्राथमिकता खुद तय करेगा, जो रोने-धोने के ड्रामे के साथ ही उन्हें नीड और वान्ट में फर्क करना भी सिखाएगा।
गोल सेट करें
बच्चे के सामने गोल सेट करें। उदाहरण के लिए, अगर बच्चे को कोई टॉय चाहिए तो उससे कहिए कि वह उसे पा सकता है लेकिन उसके लिए पैसे उसे खुद इक_ा करने होंगे। गोल सेट होने पर बच्चा मोटिवेट होगा कि वह अपने फेवरिट टॉय को पाने के लिए सेविंग करे। इस पर जब आपसे उसे इंट्रेस्ट मिलेगा तो वह डीमोटिवेट भी नहीं होगा।
खुद पर रखें काबू
यह न सोचें कि बचत के गुण बच्चे में यूं ही आ जाएंगे, क्योंकि वे अपने पैरंट्स से ही सबसे ज्यादा सीखते हैं। ऐसे में अगर आप खुद जमकर पैसा खर्च करते हैं और बच्चे से उम्मीद करें कि वह मनी सेव करना सीखे तो यह सिर्फ ख्याली पुलाव बनकर रह जाएगा।

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