हर दिन के आहार से थोड़ा मांस कम करके उसकी जगह सब्जियां खाने से समयपूर्व मौत का खतरा आधा हो सकता है और उम्र लंबी हो सकती है. एक हालिया शोध में यह दावा किया गया है. शोधकर्ताओं ने 37,000 अमेरिकी वयस्कों पर अध्ययन करने के बाद यह पता लगाया है कि पौधे में मौजूद प्रोटीन का सेवन करने से जिंदगी लंबी होती है.
हरि सब्जियों में मौजूद होते हैं ज्यादा पोषक तत्व
हर दिन के खाने से पांच फीसदी मांस की कैलोरी का हिस्सा यानी लगभग 100 कैलोरी कम करके उसकी जगह सब्जियां खाने से मौत का खतरा 50 फीसदी तक कम हो सकता है. शोधकर्ताओं की टीम ने कहा कि जो प्रोटीन इन जानवरों से नहीं मिलता बल्कि नट्स, बींस, दालों और साबुत अनाजों से मिलता है उनमें ऐसे पोषक तत्व और मिनरल होते हैं जो स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करते हैं.
जानें कैसे किया गया अध्ययन
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ता जिलाई शान ने इस शोध को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एपिडेमियोलॉजी एंड प्रीवेंशन कार्यक्रम में प्रस्तुत किया. शोधकर्ताओं ने 1999 से 2014 के बीच किए गए नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे के डाटा के आधार पर यह विश्लेषण किया कि मांस और शाकाहार खाने वालों के बीच में मौत सबसे ज्यादा किसकी हुई.
प्रतिभागियों की डायरी का विश्लेषण करने के बाद शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन लोगों ने पौधों से प्रोटीन प्राप्त किया उन लोगों में अन्य लोगों की तुलना में मौत का जोखिम 27 फीसदी तक कम था. पौधयुक्त प्रोटीन खाने वालों में दिल की बीमारियों से मरने का खतरा भी 29 फीसदी तक कम था. हर दिन के भोजन से अगर दो फीसदी मांस के प्रोटीन का हिस्सा कम करके पौधयुक्त प्रोटीन खाया जाए तो मौत का खतरा 32 फीसदी तक कम हो सकता है.
पुरुषों और महिलाओं को इतनी कैलोरी का करना चाहिए सेवन
सामान्यत: महिलाओं के लिए हर दिन 2000 कैलोरी और पुरुषों के लिए ढाई हजार कैलरी का सेवन करना चाहिए. इसका मतलब यह है कि अगर हर दिन के खाने से सौ कैलोरी लाल मांस भी कम कर दिया जाए तो फायदा हो सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि सिर्फ लाल मांस खाना छोडऩे से ही फायदा नहीं होगा बल्कि इसकी जगह उन्हें नट्स, बींस और दालों का सेवन करना होगा, तभी उन्हें इसका पूरा फायदा मिल सकेगा.
स्वस्थ पौधयुक्त प्रोटीन में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जैसे एंटीऑक्सीडेंट विटामिन, मिनरल, फॉस्फोरस और फाइटोकेमिकल्स जो गंभीर बीमारियों जैसे मधुमेह, कैंसर और हृदयरोगों के कम खतरे से संबंधित है.

दरअसल मनुष्य का शरीर और उसकी चया पचय प्रणाली यानी पाचनतंत्र मांसाहार और शाकाहार दोनो को पचाने के अनुसार बना है , हमारे शरीर मे जरूरत पड़ने वाली पोषण पदार्थो की दोनो माध्यम से पूर्ति की जा सकती है, फ्रांस जैसे कई देशों में तो भोजन के रूप में केवल मांस बिना किसी अनाज के खाने की परंपरा भी रही है क्योकि मांसाहार को डाइजेस्ट होने में अधिक समय लगता है और इस समय में बिना भागदौड़ के लोगों को घरों में ही रहना है इसलिए कहा जा सकता है कि भोजन जो भी खाएं साथ मे हरीभरी सलाद और फल जरूर खाएं।

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