जबकि सुप्रीम कोर्ट में पिछली सुनवाई में राजस्थान सरकार ने ये स्वीकार किया था कि अरावली की 138 में से 28 पहाड़ियां गायब हो चुकी हैं, जिसके बाद चर्चित टिप्पणी कोर्ट की आई थी क्या हनुमान जी उठा ले गए पहाड़ ?
नई दिल्ली: विगत दिन सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार ने कहा कि अरावली के 115.34 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध खनन नहीं हो रहा है. राजस्थान सरकार की तरफ से कहा गया है कि उनको मिली सेटेलाइट इमेज के द्वारा यह देखना होगा कि कितने एरिया में अवैध खनन हुआ है.
सरकार ने कहा कि अभी तक 27 प्रतिशत काम पूरा हुआ है और इसको पूरा होने में 3 महीने का समय और लगेगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट में राजस्थान सरकार ने ये स्वीकार किया था कि अरावली की 138 में से 28 पहाड़ियां गायब हो चुकी हैं. कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को 48 घंटे के भीतर अरावली के 115.34 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध खनन रुकवाने के आदेश दिए थे.
कोर्ट ने कहा कि वह यह आदेश देने के लिए मजबूर हो गया है क्योंकि राजस्थान सरकार ने इस मामले को बहुत ही हल्के में लिया है.पांच राज्यों में फैली अरावली की पर्वत श्रृंखलाओं को हिमालय से भी प्राचीन पर्वत माना जाता है , इससे दिल्ली को न सिर्फ रेगिस्तान के विस्तार से बचाव होता है फर्शी पत्थर, संगेमरमर , टाइल्स , ग्रेनाईट जैसे उपयोगी सहायक खनिज इससे मिलते हैं, रहे सहे जंगल इन्ही की परवरिश में मौजूद हैं बल्कि राष्ट्रपति भवन सहित (रायसीना पहाड़ियां)विगत 500 वर्षों से बने ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण भी इन्ही के ऊपर किया गया है . जैव विविधता का जो बचा खुचा खज़ाना अरावली पर्वतों में है उसे किसी भी कीमत में आज बचाने और बढाने की जरुरत है .