नई दिल्ली:- अमेरिका राष्ट्रपति की चेतावनी भारत सरकार खतरनाक कोरोना वायरस के इलाज में प्रभावी मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और पैरासिटामॉल के निर्यात से बैन हटाने के लिए तैयार हो गई है. विदेश मंत्रालय ने सैद्धांतिक तौर पर फैसला ले लिया है कि कोरोना वायरस से प्रभावित अमेरिका समेत पड़ोसी देशों को इन जरूरी दवाओं की सप्लाई की जाएगी.
विदेश मंत्रालय के अनुसार कोरोना महामारी से इस वक्त भारत समेत विश्व के तमाम देश जूझ रहे हैं. ऐसे में इस संकट में मानवीय आधार पर हमने फैसला लिया है कि पड़ोसी देशों को पैरासिटामॉल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाओं की पर्याप्त मात्रा की सप्लाई की अनुमति दी जाए.
दरअसल, अमेरिका, ब्राजील, स्पेन और जर्मनी समेत करीब 30 देशों से कोरोना संकट के दौरान हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की निर्यात के लिये अनुरोध किया गया है और इनमें से ज्यादातर देशो ने बैन हटाने की भारत से मांग की थी. साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को धमकी दी थी कि अगर भारत अमेरिका को दवाई सप्लाय नहीं करता तो उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसके पहले ट्रम्प ने मोदी से फ़ोन पर भी बात की थी. इसके बाद भारत सरकार ने ये फैसला लिया. अब देश भर में ये सवाल उठने लगे हैं कि भारत को इतना डर है अमेरिका से की अपने देश की जान की परवाह किये बिना भारत अमेरिका को दवाई भेजेगा।
We will also be supplying these essential drugs to some nations who have been particularly badly affected by the pandemic. We would therefore discourage any speculation in this regard or any attempts to politicise the matter: Ministry of External Affairs (MEA) #COVID19 https://t.co/T4BPoXkLDM
— ANI (@ANI) April 7, 2020
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के पास कुल 20 करोड़ टेबलेट बनाने का ही कच्चा माल उपलब्ध है, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाने के लिए एक कच्चा माल चीन से आता है जो अभी आपूर्ति नहीं हो रही है. ऐसे में सरकार के फैसले पर सवाल उठना लाजमी हैं. ज्ञात हो कि कोरोना वायरस से अमेरिका में अब तक 10,000 से ज्यादा मौत हो चुकी है और तीन लाख से ज्यादा मरीज पीड़ित है. अमेरिका की पूरी मेडिकल व्यवस्था चरमरा गई है.