तू डाल डाल तो मै पात पात


अंदेशा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की तरह मोदी सरकार का हस्तक्षेप निर्णयों में हो सकता है
रायपुर. अब कांग्रेस की नई सरकार कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार समेत निर्वाचन कार्य में लगे 25 हजार अधिकारियों, कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं कर पाएगी. भारत निर्वाचन आयोग ने आज राज्य सरकार को एक मेल भेजकर तबादले पर रोक लगा दी है. इस आदेश के बाद ऐसा माना जा रहा है की केंद्र में मोदी सरकार का फायदा उठा कर बरसों से जमे नौकरशाह अपने विभागीय मामले फाइलों में पहले दुरुस्त कर लें फिर तबादला भले ही हो तो हो .
दरअसल विधानसभा चुनाव खतम होने के बाद अब लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता पुनरीक्षण का काम प्रारंभ हो गया है. आज इसके लिए राज्य निर्वाचन कार्यालय में एक अहम बैठक हुई. इसी दौरान दिल्ली से निर्वाचन आयोग का मेल आ गया.
आयोग ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य समाप्त नहीं हो जाता, तब तक चुनाव कार्य से जुड़े अफसरों और कर्मचारियों का तबादला नहीं करें. आयोग ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए 25 जनवरी की तारीख तय की है. लेकिन, अफसरों का कहना है कि इसमें वृद्धि भी हो सकती है.
तू डाल डाल तो मै पात पात :- वैसे कांग्रेस के पास भी प्रशासनिक रीति , नीति के माहिर जानकर अफसरों का अच्छा खासा नेटवर्क है इसलिए इस आदेश का भी तोड़ वे निकाल ही लेंगे ऐसा माना जा रहा है .
ज्ञातव्य है, भाजपा की 15 साल पुरानी सरकार बदलने के बाद कांग्रेस सरकार बड़ी संख्या में अफसरों का ट्रांसफर करने वाली थी. कुल 27 में से करीब 15 जिला कलेक्टरों को तुरंत बदलने की खबर थी. बड़ी संख्या में एडिशनल कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार समेत विभिन्न विभागों से एआरओ बनाए जाते हैं, उन्हें भी बदला जाना था.राज्य में 23,957 बूथ है, सभी पर एक-एक बूथ लेवल आफिसर होता. सब मिलाकर करीब 25 हजार अधिकारी, कर्मचारी आयोग के इस आदेश से 25 जनवरी तक सुरक्षित हो जाएंगे.
सरकार को किसी कलेक्टर को बदलना भी होगा तो अब आयोग को तीन नामों का पेनल भेजना होगा, वो भी कारण बताकर, उसमें भी आयोग को जो नाम उपयुक्त लगेगा, उस पर टिक लगा देगा, इसलिए नई सरकार अब 25 जनवरी के बाद ही कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर्स के तबादले पर विचार कर सकेगी .

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