शान से शवयात्रा निकाल अंतिम संस्कार किया ग्रामीणों ने


रायपुर . बेमेतरा के ग्राम बाबा मोहतरा के तालाब में तकरीबन 135 साल से जीवन यापन करने वाला यह मगरमच्छ 8 जनवरी 2019 को इस दुनिया से विदा हो गया. गाँव के निस्तारी तालाब में जीवन भर किसी तरह की जनहानि नहीं की यहाँ तक गाव के जानवरो को भी किसी तरह का नुकसान इन्होंने नही पहुँचाया था. अब इनके जाने से पूरा गांव शोकमग्न है.प्रशासन को सूचना मिलाने पर पोस्टमार्टम के लिए ढाई क्विंटल की लाश शहर मगाई जा रही थी किन्तु गाव वालों के विरोध के बाद चिकित्सकों को गाव भेज कर वहीँ पर पोस्टमार्टम करवाया गया .
बैर नहीं..दोस्ती की मिसाल

यह तस्वीर मगरमच्छ की अंतिम यात्रा की है.मोहतरा गांव के तालाब में रहकर गांव वालों से दोस्ताना निभा रहे गंगाराम ने गांव को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया. सब उसे प्यार से गंगाराम बुलाते थे. आज वह चल बसा तो गांव वालों ने उसकी सम्मान से विदाई दी. सबको फक्र था कि गंगाराम उन सियासी मगरमच्छों जैसा नहीं था, जो मौका आने पर सामने वालों को डकार जाते हैं .

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