हर महीने आ रहा था 40 लाख से ज्यादा का खर्च….
रायपुर . चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने मुख्यमंत्री सुशासन फैलोशिप योजना तहत विभिन्न जिलों एवं विभागों में कार्य कर रहे 41 फैलोज की सेवाएं 31 जनवरी से समाप्त करने के आदेश जारी किए हैं.इसके लिए सभी कार्यालय प्रमुखों एवं कलेक्टरों से नो-ड्यूज प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाएगा तथा फैलोज को अनुभव प्रमाण पत्र देकर कार्य मुक्त किया जाएगा.
रमन सरकार की तरफ से फेलोशिप योजना के तहत प्रदेश भर में नियुक्त 41 सलाहकारों (कंस्लटेंटों) की नई भूपेश बघेल की सरकार ने छुट्टी की कर दी है. इन सभी को तत्कालीन रमन सरकार ने हैंडसम सैलरी के साथ नियुक्त किया था.इन 41 युवाओं को प्रतिमाह 1 लाख से लेकर 2.50 लाख वेतन दिया जाता था. इनके वेतन पर करीब प्रतिमाह 42 लाख रुपये खर्च आ रहा था. वहीं दो साल की इस योजनामें प्रति वर्ष लगभग 5 करोड़ रुपये खर्च आ रहा था .
तत्कालीन सरकार ने पूरे तामझाम के साथ अलग-अलग मेट्रोज में इंटरव्यू के माध्यम से इन 41 युवाओं का सेलेक्शन किया था. जो न सिर्फ जिलों में काम कर रहे हैं, बल्कि इनमें से 12 युवाओं की नियुक्ति विभिन्न विभागीय सचिवों के साथ भी की गई थी. एक युवा को चीफ सेक्रेटरी के दफ्तर में भी संलग्न किया गया था, जबकि 2 फेलोशिप सीधे मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ थे. इस तरह 42 युवाओं के पीछे हर माह करोड़ों रुपए की राशि खर्च की जा रही थी. लिहाजा भारी- भरकम बजट को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी की सेवा समाप्त करने का फैसला लिया है.
तत्कालीन राज्य सरकार ने कॉरपोरेट स्टाइल पर जिलों में कामकाज की समीक्षा करने योजनाओं पर सुझाव देने के लिए अलग-अलग मल्टीनेशनल कंपनियों का अनुभव रखने वाले 41 युवाओं की नियुक्ति की थी.
जिनकी सेवा समाप्त कर दी गयी है, उनकी सूची निम्नलिखित है :-
अभिनिश सिंह (महासमुंद) अदीब बहाव (सूरजपुर) अजेश ए नायर ( सुकमा)
अक्षत शुक्ला ( पीएचई, रायपुर) अक्षय आत्रे ( आईटी, रायपुर)अमन सहगल ( बेमेतरा)
अमित अशोक शिंगे ( आवास एवं पर्यावरण) अमित शरण सिंह ( बलौदाबाजार)
अनास रहमान सी ( बस्तर) अंकित गोयल (वित्त एवं योजना) अंशुल अग्रवाल( धमतरी)
आशुतोष कुमार सिंह ( खाद्य नागरिक उपभोक्ता संरक्षण) अयाज अहमद सिद्दीकी ( कोरबा)
आयुष ( रायगढ़) भूपेंद्र जीत ( वाणिज्य एवं उद्योग विभाग) कुमार देवाशीष ( जशपुर)
चाहत सुरेंद्र शाह ( नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग) चिंतन राज( पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग) धरनीकांध कोगंटि ( बीजापुर) दिव्या रामास्वामी( पर्यटन एवं ग्राम उद्योग) पियुष मिश्रा ( वन विभाग)
डाक्टर भार्गव देशपांडे ( श्रम विभाग) हिमांशु अग्रवाल ( स्वास्थ्य विभाग) मृत्युंजय सिंह(सीएम सचिवालय) पलास पांडेय (कोंडागांव) पियुष प्रकाश ( तकनीकी शिक्षा) प्रशांत एस चिन्नापनावार(कांकेर)
प्रेरणा वाडीकर ( महिला एवं बाल विकास विभाग) प्रियंका शेट्टी ( राजनांदगांव) स्नेहा प्रिया( रायपुर)
आर रमेश रेड्डी ( नारायणपुर) राहुल टिक्कू ( जांजगीर-चांपा) राजू सागी ( गरियाबंद) रवि कुमार ( सरगुजा)
रोहित बाधवा ( ऊर्जा विभाग) संकल्प अभिषेक ( कवर्धा) सत्या राज ( स्कूल शिक्षा विभाग )
सौम्या चक्रवर्ती ( दंतेवाड़ा) अनंत प्रकाश कल्याणी( समाज कल्याण) सौम्या कंवर ( सीएम सचिवालय)
सुपर्णा वर्मा ( दुर्ग)
राजधानी के बुद्धिजीवियों का कहना है कि अब इस सेवामुक्ति के बाद सरकार को इन विभागवार नियुक्तियों से हुए लाभ हानि की रिपोर्ट भी तैयार करके जनता के समक्ष रखनी चाहिए कि इस मुख्यमंत्री फेलोशिप की नई परिपाटी से विकास कार्यक्रमों पर कितना सकारात्मक,नकारात्मक असर हुआ .